तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना - विश्व की सबसे बड़ी भूजल रिचार्ज योजना


तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना: विश्व की सबसे बड़ी भूजल रिचार्ज योजना

तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना को विश्व की सबसे बड़ी भूजल रिचार्ज परियोजना माना जा रहा है। इस परियोजना में कुल 31.13 टीएमसी पानी का उपयोग किया जाएगा, जिसमें से 11.76 टीएमसी पानी मध्यप्रदेश और 19.36 टीएमसी पानी महाराष्ट्र को मिलेगा।

इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 1,23,082 हेक्टेयर और महाराष्ट्र के 2,34,706 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। 10 मई को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के GYAN (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी शक्ति) संकल्प को आगे बढ़ाते हुए महाराष्ट्र सरकार के साथ इस परियोजना पर समझौता किया।

यह एमओयू राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में महाराष्ट्र अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की 28वीं बैठक में साइन हुआ। इस बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे।

दो राज्यों के सहयोग का नया अध्याय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तापी नदी का महत्व मां नर्मदा की तरह है। मध्यप्रदेश में कोई ग्लेशियर नहीं है, फिर भी यहां से 247 से अधिक नदियां बहती हैं और अन्य राज्यों को गंगा-यमुना से भी अधिक जल उपलब्ध कराती हैं।

यह मेगा प्रोजेक्ट प्राकृतिक रूप से अनोखा है और निमाड़ क्षेत्र की जीवन रेखा बनेगा। यह भूजल स्तर को बेहतर करेगा और सिंचाई क्षमता को बढ़ाएगा। इसके साथ जबलपुर से नागपुर तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनेगा, जिससे व्यापारिक लागत में कमी आएगी।

महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर को त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर और घृष्णेश्वर से जोड़कर धार्मिक पर्यटन सर्किट भी विकसित किया जाएगा।

आर्थिक और कृषि विकास को बल

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि तापी परियोजना वर्षों से लंबित थी, लेकिन अब यह हकीकत बन गई है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना किसानों की जिंदगी बदल देगी और राज्यों की अर्थव्यवस्था को नई गति देगी।

परियोजना स्थल पर देखे गए अनुभवों के आधार पर उन्होंने बताया कि यह एक गुप्त नदी जैसा प्रतीत होता है, जिसमें लगातार 24 घंटे पानी भरने पर भी कुओं का जलस्तर ओवरफ्लो नहीं होता।

मध्यप्रदेश के किन जिलों को होगा लाभ

यह परियोजना बुरहानपुर और खंडवा जिलों की चार तहसीलों – बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार और खालवा – को लाभ पहुंचाएगी। इस परियोजना को राष्ट्रीय जल परियोजना घोषित करने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी।

अन्य प्रमुख नदी जोड़ो परियोजनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों के साथ मिलकर जल परियोजनाओं पर तेजी से कार्य कर रहा है।

  • केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना – बुंदेलखंड क्षेत्र को लाभान्वित करेगी।
  • पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना – राजस्थान सरकार के साथ मिलकर, मालवा और चंबल क्षेत्र के लिए उपयोगी।

उसी प्रकार तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना से निमाड़ क्षेत्र के लाखों किसानों को जल और सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा।




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