बंगाल के राज्यपाल का बड़ा फैसला: राजभवन का नाम बदलकर 'लोक भवन' रखा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने कोलकाता स्थित राजभवन का नाम बदलकर 'लोक भवन' कर दिया है। हाल ही में उन्होंने बांग्लादेश सीमा का दौरा किया और ट्रेन में आम लोगों की तरह यात्रा की। उन्होंने एक शिक्षिका के अनुरोध पर स्कूल में अभ्यर्थियों से भी मुलाकात की थी।
शनिवार को राज्यपाल ने केंद्र सरकार के हालिया निर्देश को लागू करते हुए कोलकाता राजभवन का नाम 'लोक भवन' कर दिया। इसके साथ ही कोलकाता राजभवन देश का पहला राजभवन बन गया जिसने केंद्र के निर्देश का तत्काल पालन किया। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के 25 नवंबर 2025 के पत्र के अनुरूप, कोलकाता, बैरकपुर (फ्लैगस्टाफ हाउस) और दार्जिलिंग के राजभवन परिसरों का नाम बदलकर 'लोक भवन' कर दिया गया है। यह आदेश तुरंत प्रभावी है।
अधिसूचना के कुछ घंटों बाद राज्यपाल बोस ने औपचारिक समारोह में पुरानी नाम पट्टिका हटाकर 'लोक भवन' की नई पट्टिका लगाई। लोक भवन राज्यपाल का आधिकारिक आवास और कार्यालय है।
केंद्रीय सरकार ने देश के सभी राजभवनों का नाम बदलने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने इसे लागू करते हुए शासन को और अधिक जनसुलभ बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया। अब परिसर में पारदर्शिता और जनता-केंद्रित कार्यों पर जोर दिया जाएगा। आधिकारिक लेटरहेड, वेबसाइट, प्रवेश द्वार और वाहन सभी में अब 'लोक भवन' लिखा जाएगा।
नवंबर 2022 में राज्यपाल बोस ने कोलकाता राजभवन को पहले ही 'जन राजभवन' में बदल दिया था। इसका उद्देश्य जनता को राजभवन के करीब लाना और उनके विचारों, समस्याओं और अपेक्षाओं को प्राथमिकता देना था। पिछले तीन वर्षों में जन राजभवन ने अनेक कल्याणकारी और रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया और जरूरत पड़ने पर जनता के साथ खड़ा रहा।