उज्जैन टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट में
नगर निगम का बड़ा निर्णय
नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने 20 नवंबर को आदेश जारी कर सीवरेज परियोजना का काम कर रही दिग्गज कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मुंबई को तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया।
निगम आयुक्त ने कहा कि कंपनी ने काम में लगातार देरी की और आवश्यक प्रगति हासिल नहीं कर सकी। इसकी वजह से शहर के विकास कार्य बाधित हो रहे थे। यह आदेश टाटा कंपनी को उज्जैन नगर निगम और प्रदेश सरकार के सभी विभागों में तीन वर्षों तक किसी भी कार्य में हिस्सा लेने से रोकता है।
2017 में मिला था काम
शहर की सीवरेज व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स को वर्ष 2017 में कार्य आदेश मिला था। परियोजना को नवंबर 2019 तक पूरा करना था, लेकिन निर्धारित समय सीमा बीतने के 6 वर्ष बाद भी काम अधूरा है।
कार्य की धीमी गति के कारण नागरिकों को सड़क, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं में बाधाएं झेलनी पड़ रही हैं। कई वार्डों से सीवरेज के खराब काम को लेकर शिकायतें मिल रही थीं।
हाल ही में वार्ड 2 के पार्षद हेमन्त गहलोत ने स्तरहीन कार्य और सीवरेज पानी के ओवरफ्लो की शिकायत की थी, जिस पर अधिकारियों ने निरीक्षण कर नाराजगी व्यक्त की।
लंबी देरी पर सख्त कार्रवाई
लगातार देरी, बार-बार नोटिस के बाद भी काम में गति न लाने और सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में बाधा डालने के आरोप में उज्जैन नगर निगम ने टाटा कंपनी को तीन वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया।
अब तीन वर्षों तक टाटा प्रोजेक्ट्स प्रदेश के किसी भी विभाग में कोई कार्य नहीं कर सकेगी। लापरवाही और धीमी कार्यशैली ने शहर के विकास को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
टारगेट और कार्य प्रगति
नगर निगम ने 2017 में शहर की सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए टाटा कंपनी को स्पष्ट लक्ष्य दिए थे, लेकिन कंपनी इन लक्ष्यों को निर्धारित समय में पूरा करने में असफल रही।