10 हजार करोड़ से कम का रहेगा अनुपूरक बजट
28 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट लाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में वित्त विभाग इसे अनुमोदन के लिए रखेगा।
अनुपूरक बजट 10 हजार करोड़ रुपये से भीतर रहने की संभावना है, क्योंकि इस बार शून्य आधारित बजटिंग की गई है। केंद्रीय विशेष पूंजीगत सहायता योजना के प्रस्तावों के लिए अतिरिक्त राशि निर्माण विभागों को अनुपूरक बजट में दी जाएगी। इसके अलावा बैठक में विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने वाले कुछ विधेयकों के प्रारूप पर भी विचार किया जा सकता है।
विधानसभा चुनाव तक के बजट की कार्य योजना तैयार कर रही सरकार
प्रदेश में पहली बार सरकार तीन साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के हिसाब से बजट की तैयारी कर रही है। सभी विभागों से यह आकलन कराया जा रहा है कि उन्हें वर्ष 2028-29 में किस योजना के लिए कितनी राशि की आवश्यकता होगी।
जिन योजनाओं को आगे जारी रखना है, उनका आधार विभाग बताएंगे। वेतन-भत्तों पर कितना खर्च बढ़ेगा, क्योंकि सरकार का लक्ष्य आगामी तीन वर्षों में ढाई लाख से अधिक पदों पर भर्ती करना है।
वर्ष 2028-29 तक राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 27.7 लाख करोड़ और बजट 5.59 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। प्रदेश में प्रतिवर्ष सितंबर-अक्टूबर से बजट की तैयारी प्रारंभ होती है।
पिछले वर्ष शून्य आधारित बजट तैयार किया गया था, जिसमें वित्त विभाग ने एक-एक योजना का शून्य से आकलन किया और फिर 4.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया।