ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) और सेमीकंडक्टर की पॉलिसी ने मध्यप्रदेश में निवेश के नए रास्ते खोल दिए हैं। जीसीसी से जहां ₹5000 करोड़ के एफडीआई का संकेत मिला है, वहीं सेमीकंडक्टर कंपोनेंट जैसे ट्रांजिस्टर, मदर बोर्ड, जंक्शन, इंटीग्रेटेड सर्विस और डायोड के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों ने ₹5500 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
7 फरवरी को इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एलसीना) की बोर्ड मिटिंग हुई, जिसमें 18 कंपनियां शामिल हुईं। सभी ने निवेश का तुरंत प्रस्ताव दे दिया। कंपनियों ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर से सटे क्षेत्रों में 250 एकड़ जमीन मांगी है।
यह एक ऐसा सेक्टर है जहां पहली बार निवेश आने की संभावना बन रही है। सेमीकंडक्टर में वेफर कंपोनेंट बहुत महंगा होता है, और यह उद्योग गुजरात और असम में स्थित है। केंद्र सरकार इस क्षेत्र में कंपनियों को 50% तक वित्तीय प्रोत्साहन देती है। मध्यप्रदेश ने सेमीकंडक्टर के इस कंपोनेंट में निवेश करने वाली कंपनियों को 25% अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की बात कही है।
जीसीसी में अगले 5 सालों में ₹5000 करोड़ के एफडीआई आने का संकेत है। कंपनियां अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए जीसीसी स्थापित करती हैं। ये सेंटर रिसर्च, डेवलपमेंट, आईटी सर्विसेज और अन्य सेवाएं प्रदान करते हैं। हाल ही में केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार ने भोपाल-इंदौर जैसे टियर-2 शहरों में जीसीसी स्थापित करने का ऐलान किया था।