सभी मोबाइल हैंसेटों पर संचार साथी एप पहले से इंस्टॉल हो
संचार साथी एप सभी मोबाइल फोन पर पहले से इंस्टॉल हो, और इसके फंक्शन डिसेबल या रिस्ट्रिक्टेड न हों। सरकार ने कंपनियों को 90 दिन का समय दिया है इस पर अमल करने के लिए। इसके अलावा 120 दिनों के भीतर इसके लागू होने से संबंधित रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
'संचार साथी' है क्या?
दूरसंचार विभाग के अनुसार, 'संचार साथी' एक नागरिक केंद्रित पहल है जिसका उद्देश्य मोबाइल सब्सक्राइबर्स को सुरक्षित बनाना और उनकी सुरक्षा को बढ़ाना है। यह ऐप और वेब पोर्टल के रूप में उपलब्ध है और साइबर फ्रॉड से बचाव, चोरी के फोन ट्रैक करने और मोबाइल कनेक्शन की सुरक्षा की सुविधाएं प्रदान करता है।
आईएमईआई नंबर जांचने से हमारा क्या फायदा?
आईएमईआई नंबर को लेकर सरकार का कहना है कि फर्जी आईएमईआई वाले मोबाइल हैंडसेट साइबर सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। संचार साथी ऐप के माध्यम से आप अपने मोबाइल का आईएमईआई नंबर चेक कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वह फोन असली है या नहीं।
क्या अब तक इस ऐप से लोगों को कोई फायदा हुआ है?
संचार साथी ऐप को 17 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था। सरकार का दावा है कि इसके माध्यम से अब तक 50 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं और लाखों चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक किया गया है। इसके अलावा, धोखाधड़ी से जुड़े मामलों को भी इस ऐप ने काफी हद तक रोका है।
विपक्ष क्यों कर रहा है विरोध?
विपक्ष ने इसे असंवैधानिक बताते हुए इसका विरोध किया है। कांग्रेस और शिवसेना जैसे दलों का कहना है कि यह ऐप नागरिकों की गोपनीयता का उल्लंघन करता है और इसे अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकता।
सरकार ने विपक्ष के आरोपों पर क्या कहा?
केंद्र सरकार और संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह ऐप पूरी तरह से वैकल्पिक है और इसे एक्टिवेट या डीएक्टिवेट किया जा सकता है। सरकार का उद्देश्य केवल उपभोक्ता सुरक्षा को बढ़ाना है।