मध्य प्रदेश में लव जिहाद पर अब फांसी की सजा मिल सकती है। इसके लिए राज्य सरकार मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में फांसी का प्रावधान करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 9 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में इसका ऐलान किया।
सीएम ने कहा, ‘मप्र में बेटियों का धर्मांतरण कराने वाले दोषियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे नाबालिगों से दुष्कर्म के मामलों में किया गया है।’ ऐसा हुआ तो जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद में फांसी का प्रावधान करने वाला मप्र पहला राज्य होगा।
सीएम ने आगे कहा, ‘किसी भी हालत में अब न तो बेटियों का धर्मांतरण होगा, न दुराचरण चलेगा। सरकार का संकल्प है कि इनके साथ कठोरता से पेश आएंगे। खासकर छद्म नाम से बेटियों के साथ गलत काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।’
अभी मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 1968 (संशोधित 2021) के तहत जबरन धर्मांतरण पर 1 से 5 साल की सजा और 25 हजार रुपए तक जुर्माना है। नाबालिग, महिला या एससी/एसटी के मामलों में सजा 2 से 10 साल और जुर्माना 50 हजार रु. तक हो सकता है। यदि कोई अपना धर्म छिपाकर विवाह करता है, तो उसे 3 से 10 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है। विवाह के जरिए धर्मांतरण करने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य है, अन्यथा विवाह अमान्य होगा। सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में 5 से 10 साल की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माना तय किया गया है।