महिला सशक्तिकरण में रोल मॉडल बना मध्यप्रदेश
महिला सशक्तिकरण में रोल मॉडल बना मध्यप्रदेश
| भोपाल
महिलाओं की पहली प्राथमिकता - शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महिलाओं और बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं प्रभावी रूप से लागू की गई हैं, जिनसे महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं। मध्यप्रदेश का मॉडल देशभर के लिए प्रेरणा बन गया है।
महत्वपूर्ण योजनाएं और बजट
- लाड़ली बहना योजना के लिए ₹18,984 करोड़ का प्रावधान, जिससे 1.25 करोड़ महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।
- महिला एवं बाल विकास विभाग का बजट 81% बढ़ाकर ₹26,560 करोड़ किया गया।
- महिला स्वयं सहायता समूहों को ₹275 करोड़ की सहायता।
- महिला हेल्पलाइन 181 और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की सक्रियता।
- लाड़ली लक्ष्मी योजना से 48 लाख से अधिक बालिकाएं लाभान्वित।
महिला सुरक्षा और कानून
प्रदेश देश का पहला राज्य बना जिसने मासूम बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को मृत्युदंड का कानून लागू किया। महिला संपत्ति रजिस्ट्री पर स्टाम्प शुल्क में छूट दी गई है। जबरन विवाह और धर्मांतरण को रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू किया गया है।
रोजगार और आरक्षण
- निकाय चुनाव और शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण।
- पुलिस भर्ती में 33% और अन्य नौकरियों में 35% आरक्षण।
- स्टार्टअप नीति में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन, 47% स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा संचालित।
- 850 MSME इकाइयों को ₹275 करोड़ की सहायता।
मातृत्व और बाल कल्याण
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत 42 लाख महिलाएं पंजीकृत हो चुकी हैं। 97,000 से अधिक आंगनवाड़ियों से 81 लाख बच्चे, माताएं और किशोरी बालिकाएं लाभान्वित हो रही हैं।