चुनावी वर्ष 2028 में मिलेगा आठवें वेतन आयोग का लाभ
मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग के लाभ चुनावी वर्ष 2028 में मिलने की संभावना है। लगभग 6.06 लाख सरकारी कर्मचारियों को नए वेतनमान के तहत लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार की मंजूरी
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए आठवें वेतन आयोग के नियम और शर्तें मंजूर कर दी हैं। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद आयोग का काम औपचारिक रूप से शुरू होगा। इससे मध्यप्रदेश कर्मचारियों में नए वेतनमान को लेकर उत्साह बढ़ गया है।
मध्यप्रदेश में देरी का कारण
राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को आठवें वेतन आयोग का लाभ 2028 में ही मिल सकता है क्योंकि केंद्र सरकार की रिपोर्ट तैयार होने में कम से कम दो साल लग सकते हैं। इसके बाद राज्य इसे अपने अनुसार लागू करेगा। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2028 में होने हैं, इसलिए सरकार चुनावी वर्ष में लाभ देने की योजना बना रही है।
वेतन वृद्धि का अनुमान
आठवें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 20-25% की वृद्धि का अनुमान है। बेसिक सैलरी में वृद्धि फिटमेंट फैक्टर और डीए मर्जर पर निर्भर करेगी। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जबकि आठवें वेतन आयोग में यह लगभग 2.46 हो सकता है। सातवां वेतन आयोग 2017 विधानसभा चुनाव से पहले लागू किया गया था।
कर्मचारी आंकड़े
31 मार्च 2024 की स्थिति के अनुसार, राज्य शासन के विभागों में नियमित रूप से कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या 6,06,876 है, जिसमें:
- प्रथम श्रेणी: 8,286
- द्वितीय श्रेणी: 40,020
- तृतीय श्रेणी: 5,00,048
- चतुर्थ श्रेणी: 58,522
इसके अलावा 14,772 संविदा कर्मचारी, 64,834 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, और 1,58,168 अन्य संविदा/स्थाई कर्मचारी कार्यरत हैं।
श्रेणी अनुसार अनुमानित वेतन (8वां वेतन आयोग)
| श्रेणी | कर्मचारी संख्या | बेसिक सैलरी | वर्तमान वेतन (TA+DA) | संभावित 8वें वेतन आयोग वेतन |
|---|---|---|---|---|
| प्रथम श्रेणी | 8,286 | ₹90,000 | ₹1.40 लाख | ₹1.80 लाख - ₹2.20 लाख |
| द्वितीय श्रेणी | 40,020 | ₹60,000 | ₹1.10 लाख | ₹1.35 लाख - ₹1.50 लाख |
| तृतीय श्रेणी | 5,00,048 | ₹40,000 | ₹65,000 | ₹90,000 - ₹1,00,000 |
| चतुर्थ श्रेणी | 58,522 | ₹19,000 | ₹30,000 | ₹40,000 - ₹45,000 |
पीके श्रीवास्तव, उप सचिव, मप्र वित्त विभाग के अनुसार, “आठवें वेतन आयोग का गठन अभी हुआ है और नोटिफिकेशन जल्द जारी किया जाएगा। जब तक केंद्र सरकार नियम तय नहीं करती, राज्य में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकती।”
सातवें वेतन आयोग के समय कुल 14% वेतनवृद्धि हुई थी। इस बार भी लगभग इसी प्रतिशत में वेतन वृद्धि होने की संभावना है।