मध्य प्रदेश के IAS अधिकारियों ने NPS और UPFS पेंशन योजना में विकल्प चुना
मध्य प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों के बीच पेंशन योजना को लेकर स्पष्ट विभाजन देखा जा रहा है। सरकार द्वारा 30 नवंबर 2025 तक विकल्प चुनने की अंतिम तिथि तय करने के बाद अब तक 256 अधिकारियों ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) चुनी है, जबकि 103 अधिकारियों ने एकीकृत पेंशन योजना (UPFS) का विकल्प अपनाया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि निर्धारित समय सीमा तक विकल्प न देने वाले अधिकारी स्वतः NPS में शामिल होंगे।
स्पेशल डीजी अनिल कुमार के अनुसार, UPFS चुनने वाले अधिकारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। जिन अधिकारियों की सेवा अवधि 33 साल से कम है और लंबी उम्र की संभावना है, उन्होंने अधिकतर UPFS को चुना, जबकि 33 साल से अधिक सेवा वाले अधिकारियों के लिए NPS अधिक उपयुक्त पाया गया। यदि पति-पत्नी दोनों IAS हैं, तो कई दंपत्तियों ने एक को NPS और दूसरे को UPFS में चुना।
NPS और UPFS में अंतर
NPS (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली)
- कर्मचारी 10% और सरकार 14% अंशदान देती है।
- ₹50,000 वेतन वाले अधिकारी के लिए हर महीने लगभग ₹12,000 जमा होते हैं।
- 33 साल सेवा के बाद फंड लगभग ₹3 करोड़ तक पहुंच सकता है।
- सेवानिवृत्ति पर पूरी पेंशन नहीं मिलती—सिर्फ एन्यूटी के आधार पर।
- मृत्यु के बाद पेंशन राशि पर स्पष्टता कम होती है।
UPFS (एकीकृत पेंशन योजना)
- कर्मचारी और सरकार दोनों 10% अंशदान करते हैं।
- 8.5% ब्याज सीधे पेंशन पूल में जाता है।
- सेवानिवृत्ति के बाद अंतिम वेतन का 50% स्थायी पेंशन के रूप में मिलता है।
- मृत्यु की स्थिति में आश्रितों को लाभ पर कोई असमंजस नहीं।