रिटायरमेंट के बाद सरकारी मकान खाली न करने पर 30 गुना जुर्माना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 28 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव लाया जा रहा है जो रिटायरमेंट या तबादले के बाद भी सरकारी मकानों पर कब्जा बनाए हुए हैं।
प्रस्ताव के अनुसार, जो अधिकारी रिटायरमेंट के नौ माह बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं करेंगे, उनसे मौजूदा किराए का 30 गुना जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही जुर्माने पर 30 प्रतिशत अतिरिक्त अधिभार (सर्चार्ज) भी लगाया जाएगा।
वर्तमान नियमों के तहत, किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को तबादले या सेवानिवृत्ति के तीन माह के भीतर सरकारी आवास खाली करना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो मौजूदा नियमों के अनुसार 10 गुना किराया बतौर जुर्माना वसूला जाता है। हालांकि, सरकारी मकानों का मूल किराया बहुत कम होने के कारण यह राशि बाजार दरों की तुलना में काफी कम पड़ती है।
इसी वजह से कई अधिकारी लंबे समय तक मकान खाली नहीं करते। इस समस्या को खत्म करने और अधिकारियों को जल्दी मकान खाली करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार ने आवास किराया नीति में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है।
इस संशोधन पर कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही प्रदेशभर में सख्ती से कार्रवाई की जाएगी ताकि सरकारी मकानों पर अनधिकृत कब्जा खत्म किया जा सके और नए अधिकारियों को समय पर आवास मिल सके।
केवल भोपाल में ही इस समय एक हजार से अधिक सरकारी आवासों के लिए आवेदन लंबित हैं, जबकि लगभग इतनी ही संख्या में अधिकारी रिटायरमेंट या तबादले के बाद भी आवास खाली नहीं कर रहे हैं।