फायर एनओसी के लिए भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र जरूरी, स्वीकृत नक्शे के अलावा नहीं कर पाएंगे निर्माण
मध्य प्रदेश में 5000 वर्गफीट से बड़े भवनों और ऊंची इमारतों के लिए अब फायर एनओसी से पहले भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र और अधिभोग अनुज्ञा अनिवार्य कर दी गई है। यह कदम अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम और अवैध निर्माण पर नियंत्रण के उद्देश्य से लिया गया है।
स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण या मनमाने ढंग से विस्तार करने वालों की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि जब तक पूर्णता प्रमाण-पत्र और अधिभोग अनुज्ञा नहीं मिलेगी, तब तक फायर एनओसी जारी नहीं की जाएगी।
नगर निकायों के भवन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी दस्तावेज पूरे होने के बाद ही फायर एनओसी जारी करें। विभाग के आयुक्त सीबी चक्रवर्ती ने बताया कि इससे भवनों की सुरक्षा मजबूत होगी।
5,000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल या 15 मीटर से ऊंचे सभी भवनों को इन नियमों में शामिल किया गया है। इसके अलावा, 50 बेड से अधिक वाले होटल और अस्पतालों पर भी यह नियम लागू होंगे।
हर दो वर्ष में फायर एनओसी लेना अनिवार्य है। पहले पूर्णता प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता नहीं होने से अवैध निर्माण बढ़ रहे थे। नए नियमों से इस पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद है।
अवैध निर्माण में लापरवाही
अधिकतर लोग स्वीकृत नक्शे के बाद नियम तोड़कर भवन निर्माण करते हैं। पूर्णता प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता नहीं होने से निकाय निर्माण के बाद जांच नहीं करते थे, जिससे पार्किंग और अग्निशमन व्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित होती थी। कई लोग पार्किंग क्षेत्र को दुकान में बदल देते थे या किराए पर दे देते थे। अब प्रमाण-पत्र के बिना यह संभव नहीं होगा।
भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र की प्रक्रिया
5,000 वर्गफीट से बड़े भवनों के लिए पूर्णता प्रमाण-पत्र अनिवार्य है। निकाय की भवन शाखा निर्माण पूरा होने के बाद जांच करती है कि भवन स्वीकृत नक्शे के अनुसार है या नहीं। इंजीनियरों की जांच के बाद ही प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। वर्तमान में केवल 10% भवन संचालक ही यह प्रमाण-पत्र ले रहे हैं।
निकायों की जवाबदेही
जबलपुर नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव ने बताया कि 5,000 वर्गफीट या 15 मीटर से ऊंचे भवनों के लिए फायर सेफ्टी के साथ पूर्णता प्रमाण-पत्र जमा करना अब अनिवार्य कर दिया गया है। संचालनालय के निर्देशों के पालन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।