17 फरवरी को यह तर्क दिया गया कि चूंकि ईडब्ल्यूएस एक आरक्षित श्रेणी है, इस श्रेणी के उम्मीदवारों को भी आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट मिलनी चाहिए। यह भी तर्क दिया गया कि इससे पहले मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा-2024 में संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के आधार पर ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट दी गई थी।
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2025 में ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट देने का अंतरिम आदेश दिया।
कोर्ट ने UPSC को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता और अन्य समान उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार किए जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि बिना अनुमति इन उम्मीदवारों के परिणाम घोषित नहीं किए जाएं। मामले की पुन: सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
यह याचिका आदित्य नारायण पांडेय, जो सतना के निवासी हैं, द्वारा दायर की गई थी और उनके पक्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मनीष सिंह ने दलील दी कि अन्य सभी आरक्षित वर्गों जैसे SC, ST, और OBC को आयुसीमा में छूट दी जाती है, और चूंकि ईडब्ल्यूएस भी आरक्षित श्रेणी है, उन्हें भी यही लाभ मिलना चाहिए। यह भी बताया गया कि कुछ दिन पहले शिक्षक भर्ती के मामले में ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आयुसीमा में छूट देने का आदेश दिया गया था।
संघ लोक सेवा आयोग ने 979 पदों के लिए 25 मई 2025 को प्रारंभिक परीक्षा और 22 अगस्त 2025 को मुख्य परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई है। आयोग ने 22 जनवरी को परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया था। आवेदन 22 जनवरी से लेकर 18 फरवरी तक स्वीकार किए जा रहे हैं।