5 फरवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा कूनो नेशनल पार्क में पांच चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया। इस समूह में दो वयस्क मादा चीते आशा और धीरा के साथ तीन शावक शामिल हैं, जो कूनो में ही जन्मे हैं। यह खास बात है कि तीनों शावक कूनो में ही जन्मे हैं।
जब पिंजरे का गेट खोला गया, तो चीता उल्टा पलटकर तेजी से बाहर निकला, जो एक रोमांचक पल था। मुख्यमंत्री यादव ने इस पल को खुशी के साथ साझा करते हुए कहा कि इन चीतों के जंगल में छोड़े जाने से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
कूनो के डीएफओ थिरुकुरल ने बताया कि दिसंबर 2024 में दो चीते, अग्नि और वायु को पार्क के खुले जंगल में छोड़ा गया था, और वे अब पार्क की सीमा में स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं। 5 फरवरी 2025 को पांच और चीतों को रिलीज़ किया गया, जिससे कूनो में खुले जंगल में विचरण करने वाले चीतों की संख्या अब सात हो गई है।
यह कदम कूनो नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा देने और भारत में चीते को पुनः लाने की परियोजना की सफलता का प्रतीक है। यह वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।