चंद्रयान-4 मिशन: 2028 में लॉन्च और चंद्रमा से नमूना वापसी
16 नवंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि इसरो इस वित्त वर्ष में सात और प्रक्षेपण करने की योजना बना रहा है। भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान भी 2027 में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भेजा जाएगा। इसरो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग क्षमता के तेजी से विस्तार के लिए तैयार है।
आगामी प्रक्षेपण
इन प्रक्षेपणों में एक वाणिज्यिक संचार उपग्रह और कई पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) और जीएसएलवी (भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रक्षेपण यान) मिशन शामिल हैं। इस दौरान पूरी तरह भारतीय उद्योग द्वारा निर्मित पहला पीएसएलवी भी लॉन्च किया जाएगा, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में मील का पत्थर साबित होगा।
चंद्रयान-4 मिशन
सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दी है, जो चंद्र नमूना-वापसी मिशन के रूप में डिजाइन किया गया है। यह भारत का अब तक का सबसे जटिल चंद्र अभियान होगा और इसका लक्ष्य चंद्रमा से नमूने वापस लाना है, जिसे अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही किया है।
लूपेक्स मिशन
एक अन्य महत्वपूर्ण मिशन लूपेक्स है, जो जापान की JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) के साथ संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ का अध्ययन करना है।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन
इसरो ने एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भी काम शुरू कर दिया है, जिसे 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य है। पांच मॉड्यूल में से पहला 2028 तक कक्षा में स्थापित किया जाएगा।