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यकीनन खेल अभिरुचि के साथ-साथ एक करियर भी है। इस समय खेलों से पूरी दुनिया जुड़ गई है और खेलों की दुनिया में करियर के बहुत चमकीले बहुआयामी अवसर देश और दुनिया में उपलब्ध हैं। खेलों में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए स्पोर्टस् आज एक बेहतरीन कॅरियर विकल्प बनकर उभरा है। खेलों का महत्व इसी बात से पता चल जाता है कि कुछ वर्षों पहले तक माता-पिता अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट बनाना चाहते थे, परंतु वर्तमान में वे अपने बच्चों को खेलों की दुनिया में भी करियर के लिए आगे बढ़ा रहे हैं। आज भारत ही नहीं, समूचे विश्व में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा खेलों का प्रायोजन करने से वैश्विक स्तर पर खेलों को काफी बढ़ावा मिल रहा है। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षित करने के लिए कई स्तर पर खेल अकादमियों की स्थापना की गई है।
खेलकूद के करियर में टेक्नोलॉजी का महत्व-
टेक्नोलाजी के विकास के कारण आज खिलाड़ियों की मनोदशा एवं मनोविज्ञान को समझना कहीं अधिक आसान हो गया है। इससे स्पोर्ट्स साइंस की उपयोगिता एवं भूमिका कई गुना बढ़ गई है। वस्तुतः स्पोर्ट्स साइंस एक विज्ञान है, जिसके तहत मानव शरीर एवं मन का अध्ययन किया जाता है कि वह एक्सरसाइज करने या खेलने के दौरान किस प्रकार से कार्य करता है। इसके अंतर्गत स्पोर्टस एवं ह्यूमन एनाटामी, काइनेसियोलाजी, एक्सरसाइज फिजियोलाजी, स्पोर्ट्स बायोमैकेनिक्स, स्पोर्ट्स साइकोलाजी, मोटर कंट्रोल, स्पोर्ट्स ट्रेनिंग, फिजिकल एजुकेशन, न्यूट्रिशन, योग आदि विषयों की पढ़ाई होती है। स्पोर्ट्स साइंस के अध्ययन से स्टूडेंट्स समझ पाते हैं कि एक खिलाड़ी विभिन्न परिस्थितियों, दबाव एवं तनाव आदि में किस तरह परफार्म करता है। इससे प्रोग्राम डिजाइनिंग, मानिटरिंग एवं ट्रेनिंग सभी स्तरों पर लाभ होता है।
स्पोर्टस सेक्टर का बढ़ता बाजार आकार-
दुनिया की प्रसिद्ध आनलाइन एजुकेशन, ट्रेनिंग एवं एम्प्लायबिलिटी कंपनी स्पोर्जो के एक महत्वपूर्ण अध्ययन के अनुसार, अब स्पोर्टस सेक्टर के बढ़ते बाजार आकार के कारण भी स्पोर्टस में करियर बढ़ रहे हैं। स्पोर्टस सेक्टर के तहत स्पोर्टस टेक्नोलॉजी का बाजार छलांगे लगाकर बढ़ रहा है। रिसर्च टेक्नोलाजी डाट काम के अनुसार, वर्ष 2027 तक वैश्विक स्पोर्ट्स टेक्नोलाजी मार्केट करीब 45.2 करोड़ यूएस डालर के करीब पहुंच जाएगा। इसके बाद भी बाजार और तेजी से बढ़ने की रिपोर्टें सामने आ रही हैं। ऐसे में खेलकूद में करियर लगातार बढ़ने की संभावनाएँ हैं।
खेलकूद के करियर की जरूरी स्किल्स-
यदि आप खेलों में अपना उज्ज्वल कॅरियर बनाना चाहते हैं तो खेलों के प्रति आपका रुझान होना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही साथ शारीरिक स्तर पर खेल लायक आपका व्यक्तित्व होना भी जरूरी है। अर्थात इस प्रोफेशन के लिए सबसे बड़ी चीज है कि आपकी बॉडी कितनी एथलेटिक और ऊर्जा से भरपूर है। आपका शरीर पूर्णत: फिट होना जरूरी है। शारीरिक तथा मानसिक दोनों स्तर पर स्टेमिना मजबूत होना चाहिए। प्रतिस्पर्धी क्षमता व नेतृत्व करने का माद्दा भी इस क्षेत्र में उन्नति के लिए नितांत आवश्यक है। विपरीत परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए खिलाडिय़ों को हमेशा आत्मविश्वास, आत्मानुशासन, दृढ़ इच्छाशक्ति, धैर्य, एकाग्रता और कभी हार न मानने जैसे गुणों से युक्त होना चाहिए। खेलकूद के करियर में डिग्री के साथ-साथ कौशल की अहमियत भी होती है। स्टूडेंट्स को टीम वर्क, मैनेजमेंट, मोटिवेशन, कम्युनिकेशन एवं एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल्स पर खास ध्यान देना होता है।
खेलकूद में करियर के विविध आयाम-
खेलकूद के क्षेत्र में करियर के विभिन्न आयाम उभरकर दिखाई दे रहे हैं। खेलों के बढ़ते महत्व को देखते हुए खेल गतिविधियों को संचालित करने के लिए पब्लिक रिलेशन, मीडिया, हेल्थ व फिटनेस, इवेंट मैनेजमेंट, जर्नलिज्म,सेल्स, मार्केंटिंग, लीगल, फाइनेंस आदि क्षेत्रों से जुड़े प्रशिक्षित लोगों की माँग में भी बहुत इजाफा हुआ है। आज स्पोर्ट्स इंडस्ट्री आर्थिक रूप से समृद्ध व ग्लैमरस कॅरियर विकल्प के रूप में उभरी है। केवल खिलाडिय़ों के लिए ही नहीं अपितु अन्य पेशेवरों के लिए भी खेल की दुनिया में रोजगार के असीमित अवसर हैं। इनमें स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट,कोच, टीम मैनेजर, फिजिकल ट्रेनर, फिटनेस ट्रेनर, रेफरी व अंपायर, न्यूटिशनिस्ट, साइकोलॉजिस्ट, इवेंट आर्गेनाइजर, सेल्स मैनेजर, मार्केटिंग डायरेक्टर और कमेंटेटर जैसे विकल्प प्रमुख हैं। इसके अलावा विमानन, पेट्रोलियम, रेलवे और बैंक जैसे कई बड़े सरकारी व निजी संस्थानों में भी खिलाडिय़ों के लिए विशेष प्रकार की नियुक्तियाँ होती हैं, जिनके माध्यम से खेल के साथ-साथ नौकरी भी की जा सकती है। फिजियोथेरेपी में स्पेशलाइजेशन करके किसी खेल संगठन या अस्पताल के साथ जुड़ सकते हैं या अपना क्लिनिक शुरू कर सकते हैं।
खेलकूद के कोर्स संबंधी शैक्षणिक जरूरतें-
सामान्यतया 12वीं के बाद खेलकूद से संबंधित डिग्री कोर्स बीपीएड में प्रवेश लिया जा सकता है। इसके अलावा एम.पी.एड., एम.फिल. खेल में पीएच.डी. की सुविधा भी उपलब्ध है। स्पोर्टस साइंस व न्यूट्रिशन में पीजी डिप्लोमा किया जा सकता है। इसके लिए विज्ञान विषय में स्नातक की उपाधि आवश्यक है। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि क्रिकेट, टेनिस, मुक्केबाजी, कुश्ती, हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन सहित अन्य खेलों में प्रोफेशनल खिलाडिय़ों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचिंग देने के लिए स्पोर्ट्स इंडिया कार्य करता है। यह संस्थान देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में फिजिकल एजुकेशन व स्पोर्ट्स साइंस संबंधी कई सर्टिफिकेट, डिप्लोमा तथा डिग्री स्तर के कोर्स भी संचालित करता है।
कहाँ से करें खेलकूद में करियर संबंधी कोर्स-
मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न प्रदेशों में स्थित विश्वविद्यालयों और खेलकूद से जुड़े विभिन्न इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन में खेलकूद संबंधी विशेष कोर्स उपलब्ध है। आप अपनी रूचि, योग्यता और क्षमता के अनुरूप उपयुक्त कोर्स और उपयुक्त खेलकूद संस्थान का चयन करके खेलकूद के क्षेत्र में करियर की डगर पर आगे बढ़ सकते हैं।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)