मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि भगोरिया उत्सव अब राज्य स्तर पर उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने भगोरिया उत्सव को उल्लास का पर्व बताते हुए कहा कि यह फागुन के रंगों से सराबोर और प्रकृति की खुशबू से भरा हुआ पर्व है, जहां लोग कुछ पल थमकर इस उत्सव में रम जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार भगोरिया के उल्लास को बरकरार रखेगी और यह उत्सव इस वर्ष से राज्य स्तर पर मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री स्वयं भी इस उत्सव में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार छोटे-छोटे स्थानों पर जनजातीय देवी-देवताओं के पूजा स्थलों को विकसित करने के लिए सहायता प्रदान करेगी। इसके साथ ही वे कोरकू उत्सव भी मनाएंगे और जनजातीय समाज के जितने भी त्यौहार आने वाले हैं, उन्हें राज्य स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है।
4 मार्च को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित जनजातीय देवलोक महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज हमारे देश का गौरव है और जनजातीय नायकों ने स्वाधीनता संग्राम में अपनी जान की आहुति दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय समाज कभी किसी के सामने नहीं झुका। सरकार जनजातीय समाज की पुरानी संस्कृति, पूजा पद्धतियों, रीति-रिवाजों और संस्कारों को संरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी अतिथियों के साथ जनजातीय परंपरा और पूजा पद्धति से बड़ा देव पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन कर महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने सभी जनजातीय बंधुओं से जय बड़ा देव और जय जोहार का उद्घोष कराया। कार्यक्रम स्थल पर जनजातीय समुदाय के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य और वाद्य यंत्रों के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भी सभी मेहमानों का पुष्पवर्षा कर उनका हार्दिक स्वागत किया।