मध्य प्रदेश के हर जिले में लगाए जाएंगे कृषि आधारित छोटे उद्योग
23 नवंबर को यह बात सामने आई कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान कृषि क्षेत्र का है। दलहन, तिलहन और उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है। अब इस उत्पादन को किसानों की आर्थिक स्थिति से जोड़कर वर्ष 2026 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।
छोटे उद्योगों को बढ़ावा
किसानों की आय बढ़ाने, स्थानीय रोजगार सृजित करने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रदेश के हर जिले में कृषि आधारित छोटे-छोटे उद्योग लगाए जाएंगे। इसके लिए कृषि विभाग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग (MSME) कार्य योजना बना रहे हैं। उद्देश्य कम लागत वाले उद्योगों का जाल पूरे प्रदेश में फैलाना है। निवेश संवर्धन योजना के माध्यम से निवेशकों की मदद भी की जाएगी और सहकारी समितियों को इसमें शामिल किया जाएगा।
स्थानीय रोजगार और सहकारी समितियाँ
मुख्य जोर छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने पर है, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और बिचौलियों का मुनाफा सीधे किसानों के हिस्से में आए। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए उन्हें उद्योगों से जोड़कर उत्पाद की मार्केटिंग और ब्रांडिंग में शामिल किया जाएगा। विकासखंड स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ भी स्थापित की जाएँगी।
पशुपालन पर जोर
किसानों को पशुपालन के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रत्येक पशु पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। दुग्ध उत्पाद सरकारी सहकारी समितियों के माध्यम से खरीदे जाएंगे। प्रति लीटर पाँच रुपये का बोनस भी दिया जाएगा। गोबर गैस संयंत्र स्थापित कर जैविक खाद का उत्पादन किया जाएगा, जिसका लाभ सीधे किसानों को मिलेगा।
संबंधित कानूनी अपडेट: पीएमएलए तलाशी
अदालत ने कहा कि धारा 17 यह नहीं कहती कि तलाशी केवल उन व्यक्तियों के परिसरों में की जा सकती है जिनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई हो। किसी व्यक्ति पर सीधे अपराध का आरोप न होने पर भी, यदि वह अपराध से प्राप्त आय का लाभ ले रहा हो, तो तलाशी की जा सकती है। यह टिप्पणी दिवंगत अमलेन्दु पांडेय के परिसर से जब्त नकदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मामले में की गई, जो हवाला ऑपरेटर हसन अली खान से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा था।