58% भारतीयों का मानना है कि सफलता प्रयोगात्मक कार्यशैली से मिलेगी
हाल ही के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 58% भारतीय कर्मचारी मानते हैं कि भविष्य उन लोगों का है जो प्रयोगात्मक कार्यशैली और आजीवन सामंजस्य अपनाते हैं।
प्रयोगात्मक कार्यशैली क्या है?
प्रयोगात्मक कार्यशैली में उभरते कार्यस्थल रुझान शामिल हैं:
- रिवर्स मेंटरिंग: कनिष्ठ कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठ कर्मचारियों का मार्गदर्शन।
- माइक्रो रिटायरमेंट: जानबूझकर छोटे करियर ब्रेक लेना।
- एआई मूनशाइनिंग: नौकरी के काम के लिए गोपनीय रूप से एआई का उपयोग।
- एआई-वॉशिंग: नौकरियों और रिज्यूमे को वास्तविकता से अधिक एआई से जुड़ा हुआ दिखाना।
- स्किल नोमैडिज्म: लगातार बदलते कौशल और भूमिकाएं अपनाना।
सर्वेक्षण का विवरण
ये निष्कर्ष कार्यस्थल रुझान रिपोर्ट-2025 पर आधारित हैं, जो इंडीड द्वारा वैल्यूवॉक्स के माध्यम से किया गया। अगस्त 2025 में 3,872 प्रतिभागियों, जिनमें 1,288 नियोक्ता और 2,584 कर्मचारी या नौकरी चाहने वाले शामिल थे, से राय ली गई।
मुख्य निष्कर्ष
लगभग पांच में से दो भारतीय कर्मचारी अब करियर वृद्धि को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसमें रिवर्स मेंटरिंग, निरंतर कौशल विकास और दैनिक दिनचर्या में एआई के इस्तेमाल पर जोर है। लगभग 41% प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने पारंपरिक अपेक्षाओं को चुनौती दी है, जैसे कि कड़ी सीमाएं तय करना, नए कौशल सीखना, या कम छुट्टियां लेना।
शशि कुमार, इंडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक, ने कहा: "आज के कार्यस्थलों में आराम पूरी प्रक्रिया का एक हिस्सा है। अधिक से अधिक भारतीय लचीली दिनचर्या और कौशल विकास को अपना रहे हैं ताकि भविष्य के लिए तैयार रहें।"