सात वर्षों में महिलाओं की रोजगार दर दोगुनी होकर 40.3 फीसदी हुई


सात वर्षों में महिलाओं की रोजगार दर दोगुनी होकर 40.3 फीसदी हुई

पिछले सात सालों में भारत में महिलाओं की रोजगार दर दोगुनी हो गई है। श्रम मंत्रालय के अनुसार यह दर 2017-18 में 22% से बढ़कर 2023-24 में 40.3% हो गई है। बेरोजगारी दर भी 5.6% से घटकर 3.2% हो गई है। सरकार का लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत के लिए 70% महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी सुनिश्चित करना है।

बीते सात वर्षों के दौरान देश में महिलाओं की रोजगार दर बढ़कर दोगुना हो गई है। श्रम मंत्रालय ने 25 अगस्त को बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में महिलाओं की रोजगार दर 22 प्रतिशत थी, जो 2023-24 में बढ़कर 40.3 प्रतिशत हो गई है। आवधिक श्रम बल सर्वे (पीएलएफएस) के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है।

मंत्रालय ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए देश में 70 प्रतिशत महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी सुनिश्चित करना है। यह बदलाव ग्रामीण भारत में और भी महत्वपूर्ण है जहाँ महिलाओं की रोजगार दर में 96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

इस अवधि में शहरी क्षेत्रों में 43 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। मंत्रालय ने बताया कि महिला स्नातकों की रोजगार क्षमता भी 2013 में 42 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 47.53 प्रतिशत हो गई है। पोस्टग्रेजुएट और उससे ऊपर शिक्षित महिलाओं में रोजगार दर 2017-18 में 34.5 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 40 प्रतिशत हो गई है।

भारत स्किल्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2025 में लगभग 55 प्रतिशत भारतीय स्नातकों की वैश्विक स्तर पर रोजगार योग्य होने की उम्मीद है, जो 2024 में 51.2 प्रतिशत थी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सात वर्षों में 1.56 करोड़ महिलाएं औपचारिक कार्यबल में शामिल हुई हैं।




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