क्या है नासा-इसरो का निसार मिशन और कैसे काम करेगा?
अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और भारत की स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिलकर निसार नामक मिशन पर काम किया है। यह मिशन पृथ्वी के बदलते पर्यावरण का विस्तृत अध्ययन करेगा।
निसार उपग्रह एक लो अर्थ ऑर्बिट (निचली कक्षा) उपग्रह होगा, जो पूरी पृथ्वी का नक्शा तैयार करेगा और हर 12 दिनों में दो बार पृथ्वी की सतह पर हो रहे भौगोलिक बदलावों को रिकॉर्ड करेगा। इसमें बर्फ, ज़मीनी हिस्से, इकोसिस्टम में बदलाव, समुद्र के जलस्तर में परिवर्तन और भूजल स्तर से संबंधित आंकड़े शामिल होंगे।
नासा-इसरो समझौते के बारे में
30 सितंबर 2014 को नासा के चार्ल्स बोल्डन और इसरो के तत्कालीन अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने निसार मिशन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह मिशन सिंथेटिक एपर्चर रडार तकनीक का उपयोग करके पृथ्वी का गहन अवलोकन करेगा।
मूल रूप से इसे 2024 में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन इसे कुछ कारणों से स्थगित किया गया है। यह मिशन जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी की सतह में हो रहे बदलावों का अध्ययन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।