नेपाल में हिंसक प्रदर्शन: सुप्रीम कोर्ट और नेताओं के घरों में आग
नेपाल में हिंसक प्रदर्शन: सुप्रीम कोर्ट और नेताओं के घरों में आग
नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी आंदोलन का आज तीसरा दिन है। 9 सितंबर को स्थिति बेकाबू होती देख सेना ने पूरे देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। इसके बावजूद कई इलाकों में हिंसा अब भी जारी है।
9 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में आग लगा दी, जिससे 25 हजार से अधिक केस फाइलें जलकर राख हो गईं। वहीं, आज सेना ने 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
सेना का कहना है कि ये लोग स्थिति का गलत फायदा उठाकर तोड़फोड़, अराजकता, लूटपाट, आगजनी और जान-माल का नुकसान कर रहे थे। पुलिस ने इनके पास से 33.7 लाख रुपए नकद, 23 बंदूकें, मैगजीन, गोलियां और 31 अन्य हथियार बरामद किए हैं।
प्रमुख घटनाएं
- प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा देकर काठमांडू छोड़ दिया है।
- अब तक प्रदर्शन में 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से अधिक लोग घायल हैं।
- 9 सितंबर को पीएम ओली के घर में आग लगा दी गई, जिसके बाद धुएं का गुबार देखा गया।
- प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के निवास 'शीतल भवन' में भी आग लगा दी।
- सुरक्षा बलों ने पीएम ओली को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उनकी लोकेशन की जानकारी नहीं दी गई।
- तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों - शेर बहादुर देउबा, झालानाथ खनाल और पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
- पूर्व पीएम झालानाथ खनाल की पत्नी, राजलक्ष्मी चित्रकार, गंभीर रूप से जल गईं और कीर्तिपुर बर्न अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
- पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को उनके घर में घुसकर पीटा गया।
- वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को काठमांडू में उनके घर के पास दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।
सुरक्षा की स्थिति
सेना ने पूरे देश में नियंत्रण संभाल लिया है। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह सैन्य नियंत्रण कब तक जारी रहेगा।