ट्रस्टी जब तक चाहें बने रह सकते हैं, वेणु श्रीनिवासन आजीवन सदस्य बने
टाटा समूह की नियंत्रण इकाई टाटा ट्रस्ट्स में चल रही गुटबाजी के बीच एक बड़ा फैसला सामने आया है। वेणु श्रीनिवासन को ट्रस्ट ने सर्वसम्मति से फिर से आजीवन ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया है।
यह फैसला उनके कार्यकाल के समाप्त होने से ठीक पहले 23 अक्टूबर को लिया गया है। इस निर्णय को संगठन में एकता का संदेश देने और आंतरिक मतभेदों को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
इस समय टाटा ट्रस्ट्स दो गुटों में बंटा हुआ है — एक गुट का नेतृत्व नोएल टाटा कर रहे हैं, जो रतन टाटा के उत्तराधिकारी माने जाते हैं, वहीं दूसरा गुट शापूरजी पालोनजी परिवार से जुड़े मेहरी मिस्त्री के हाथों में है।
अब श्रीनिवासन की पुनर्नियुक्ति के बाद सबकी नजरें मेहरी मिस्त्री की ओर हैं, जिनका कार्यकाल 28 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। क्या उन्हें भी दोबारा नियुक्त किया जाएगा — यह देखना दिलचस्प होगा।