अब दूरस्थ शिक्षा या ऑनलाइन माध्यम से नहीं होगी मनोविज्ञान और हेल्थकेयर की पढ़ाई
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को 2025 से मनोविज्ञान, पोषण और अन्य स्वास्थ्य सेवा से संबंधित विषयों की ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा (ODL) के माध्यम से पढ़ाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।
यह निर्णय नेशनल कमीशन फॉर एलायड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशंस (एनसीएएचपी) अधिनियम, 2021 के अंतर्गत लिया गया है। यूजीसी सचिव मनीष जोशी के अनुसार, जो संस्थान जुलाई-अगस्त 2025 के बाद इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाएंगे, उनकी मान्यता वापस ले ली जाएगी।
इन पाठ्यक्रमों पर रोक
- मनोविज्ञान
- सूक्ष्म जीव विज्ञान (माइक्रोबायोलॉजी)
- खाद्य एवं पोषण विज्ञान (फूड एंड न्यूट्रिशन)
- जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी)
- नैदानिक पोषण (क्लिनिकल न्यूट्रिशन)
- आहार विज्ञान (डाइटेटिक्स)
बहु-विशेषज्ञता पाठ्यक्रमों को लेकर दिशा-निर्देश
बी.ए. जैसे बहु-विशेषज्ञता कार्यक्रमों (मानवाधिकार, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, आदि) में यदि कोई विषय एनसीएएचपी अधिनियम में आता है, तो केवल उसी विषय को हटाया जाएगा।
संस्थानों को निर्देश
यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि 2025 से इन पाठ्यक्रमों में नए छात्रों को प्रवेश न दिया जाए। यह निर्णय व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता को लेकर चिंता के चलते लिया गया है।
यह निर्णय अप्रैल 2025 में हुई 24वीं दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो कार्य समूह की बैठक की सिफारिशों के आधार पर और हाल ही में हुई आयोग की बैठक में लिया गया है।
पहले से प्रतिबंधित व्यावसायिक पाठ्यक्रम
यूजीसी पहले ही कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को दूरस्थ या ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पढ़ाने पर रोक लगा चुका है, जैसे:
- इंजीनियरिंग
- चिकित्सा (मेडिकल)
- दंत चिकित्सा
- फार्मेसी
- नर्सिंग
- वास्तुकला (आर्किटेक्चर)
- फिजियोथेरेपी
- पैरामेडिकल
- कृषि और बागवानी
- होटल प्रबंधन एवं खानपान प्रौद्योगिकी
- दृश्य कला
- कानून