ट्रंप का बदला सुर: भारत अब रूस से तेल खरीद कम करेगा
भारत और अमेरिका के रिश्तों में अक्सर ऐसा देखा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को भारत खारिज कर देता है। 22 अक्टूबर को ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान से युद्ध न करने पर चर्चा की, जिसे भारत ने तुरंत खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई।
ट्रंप ने पहले यह दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल खरीद पूरी तरह बंद कर दी है, लेकिन अब उन्होंने कहा है कि भारत तेल की खरीद धीरे-धीरे कम कर रहा है और साल के अंत तक इसे लगभग शून्य कर देगा।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “तेल खरीदना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे तुरंत रोकना संभव नहीं है, लेकिन साल के अंत तक वे इसे जीरो कर देंगे। कल ही मेरी प्रधानमंत्री मोदी से इस बारे में बातचीत हुई है। यह एक बड़ी बात है, यह लगभग 40 प्रतिशत तेल है।”
रूस से तेल खरीद पर ट्रंप के पुराने बयान
- 15 अक्टूबर: “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा, यह एक बड़ा कदम है।”
- 17 अक्टूबर: “भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा, पहले 38% खरीदते थे, अब कम कर रहे हैं।”
- 19 अक्टूबर: “मोदी ने कहा कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। अगर वे इस बात से इंकार करेंगे तो उन्हें भारी टैरिफ देना होगा।”
- 21 अक्टूबर: “मोदी ने मुझे भरोसा दिया कि भारत रूस से तेल खरीद कम करेगा। वे भी चाहते हैं कि जंग खत्म हो।”
ट्रंप ने आगे कहा कि रूस और चीन के रिश्ते पहले इतने अच्छे नहीं थे, लेकिन बाइडेन और ओबामा की नीतियों की वजह से दोनों देश अब करीब आ गए हैं। उन्होंने कहा, “उन्हें इतना करीब नहीं आना चाहिए था।”
भारत पर अमेरिकी दबाव और प्रतिबंध
अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि भारत की तेल खरीद से मिलने वाले पैसे से रूस को यूक्रेन युद्ध में मदद मिलती है। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कुल 50 टैरिफ लगाए हैं, जिनमें से 25% रेसीप्रोकल टैरिफ और 25% पेनल्टी रूस से तेल खरीद पर लागू हैं।
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव केरोलिना लेविट ने कहा कि इन टैरिफ का उद्देश्य रूस पर “सेकेंडरी प्रेशर” बनाना है ताकि वह युद्ध समाप्त करने को मजबूर हो।
भारत का तेल आयात डेटा
ट्रंप के दावों के बावजूद, रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। कमोडिटी और शिपिंग ट्रैकर क्लेप्लर के अनुसार, सितंबर 2025 में भारत ने कुल तेल आयात का लगभग 34% हिस्सा रूस से खरीदा।
हालांकि 2025 के पहले आठ महीनों में तेल आयात में 10% की गिरावट आई थी। अगस्त 2025 में भारत ने रूस से औसतन 1.72 मिलियन बैरल प्रति दिन तेल खरीदा, जो सितंबर में घटकर 1.61 मिलियन बैरल प्रति दिन रह गया।
विशेषज्ञों के अनुसार यह कटौती अमेरिकी दबाव और तेल आपूर्ति में विविधता लाने के प्रयासों का परिणाम है। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी निजी रिफाइनरी कंपनियों ने तेल खरीद बढ़ा दी है।