पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति और नियुक्ति प्रक्रिया सार्वजनिक
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार अपने जजों की संपत्ति का ब्योरा और नियुक्ति प्रक्रिया को सार्वजनिक किया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट द्वारा 1 अप्रैल 2025 को लिया गया था, जो दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े नकदी मामले के बाद आया। 5 मई को जारी एक बयान में कहा गया कि यह निर्णय न्यायपालिका में पारदर्शिता और जनता के भरोसे को बनाए रखने के लिए लिया गया है।
संपत्ति विवरण का प्रकाशन
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 33 में से 21 जजों की संपत्ति का विवरण अपलोड कर दिया है। शेष जजों ने यह विवरण केवल सुप्रीम कोर्ट को सौंपा है, जिसे जल्द ही अपलोड किया जाएगा।
निर्णय का कारण
यह कदम जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास में लगी आग के बाद लिया गया, जिसमें अधजले नकदी नोट मिले थे। यह मामला 14 मार्च 2025 को सामने आया था और इसके बाद न्यायपालिका की पारदर्शिता पर सवाल उठे थे।
न्यायिक नियुक्ति प्रक्रिया भी सार्वजनिक
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी अपनी वेबसाइट पर डाला है। इसमें कॉलेजियम की भूमिका, राज्य सरकारों और भारत सरकार से प्राप्त इनपुट तथा कॉलेजियम की विचार प्रक्रिया शामिल है।
9 नवंबर 2022 से 5 मई 2025 तक की नियुक्तियां
इस अवधि में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों की जानकारी अपलोड की गई है, जिसमें शामिल हैं:
- जज का नाम और संबंधित उच्च न्यायालय
- स्रोत - न्यायिक सेवा या बार से
- कॉलेजियम सिफारिश की तिथि
- नियुक्ति की अधिसूचना और तिथि
- विशेष श्रेणी (SC/ST/OBC/अल्पसंख्यक/महिला)
- क्या उम्मीदवार किसी वर्तमान या पूर्व जज का संबंधी है
आंकड़ों की मुख्य बातें
कॉलेजियम ने इस अवधि में 303 नामों पर विचार किया और 170 की नियुक्ति की सिफारिश की। इनमें:
- 7 अनुसूचित जाति (SC)
- 5 अनुसूचित जनजाति (ST)
- 21 अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
- 7 अत्यंत पिछड़ा वर्ग
- 28 महिलाएं
- 23 अल्पसंख्यक समुदाय से
पूर्व या वर्तमान जजों के परिजन
कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों में 12 ऐसे हैं जो किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त जज के परिजन हैं। इनमें से 11 की नियुक्ति हो चुकी है:
- 3 - राजस्थान हाईकोर्ट
- 2-2 - इलाहाबाद और छत्तीसगढ़
- 1-1 - बॉम्बे, पटना, गुजरात और दिल्ली हाईकोर्ट
इन 11 में से 6 जजों के पिता, 3 के बहनोई/साले, और 1-1 के भाई या ससुर पूर्व/वर्तमान जज हैं।