तकनीक: स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने की मंजूरी
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्टारलिंक को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी किया है। हालांकि, अंतिम लाइसेंस तभी जारी किया जाएगा जब कंपनी सभी लाइसेंस शर्तों को पूरा कर लेगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि स्टारलिंक को GMPCS, VSAT और ISP लाइसेंस के लिए LoI दिया गया है। शर्तें पूरी होने के बाद कंपनी को फाइनल लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा।
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने स्टारलिंक को भारत में अनुमति देने के लिए तेजी से काम किया है क्योंकि यह कदम भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में मदद कर सकता है।
भारत में अरबों डॉलर का बाजार
स्पेसएक्स के लिए भारत में अपनी सेवा शुरू करना अरबों डॉलर का मौका साबित हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, यदि कंपनी भारत के ब्रॉडबैंड बाजार का सिर्फ 1% हिस्सा भी हासिल कर लेती है, तो उसे सालाना लगभग 1 बिलियन डॉलर की कमाई हो सकती है।
स्टारलिंक को LoI मिलने का मतलब है कि अब वह भारत में अपनी सेवाओं का प्रदर्शन कर सकेगी। यह सेवा वनवेब जैसी होगी, जो पहले से भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड प्रदान कर रही है और जिसमें एयरटेल की बड़ी हिस्सेदारी है।
जियो और एयरटेल ने किए स्टारलिंक से करार
इस साल की शुरुआत में जियो और एयरटेल दोनों ने स्टारलिंक के साथ समझौते किए थे ताकि भारत में इंटरनेट सेवा लाई जा सके। यह डील मार्च 2025 में घोषित हुई थी और यह Starlink को भारत में जरूरी मंजूरी मिलने पर निर्भर थी, जो अब मिल गई है।
हालांकि, अभी तक कंपनी ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। सारी जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है।