ISS से वापस लौटा भारत की शान: गगनयान मिशन के लिए वरदान साबित होंगे शुभांशु शुक्ला के 7 परीक्षण
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई को अपने क्रू के साथ सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनका यह मिशन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत अब अपने पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की तैयारी कर रहा है।
शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर कदम रखा है। इससे पहले राकेश शर्मा ने 41 साल पहले अंतरिक्ष की यात्रा की थी। ISS पर रहते हुए शुभांशु ने 7 अहम वैज्ञानिक परीक्षण किए हैं, जिनके परिणाम गगनयान मिशन के लिए काफी सहायक होंगे।
ISRO के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा, "शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जो अनुभव प्राप्त किया है, वह अगले दो वर्षों में प्रस्तावित गगनयान मिशन के लिए बहुत मूल्यवान साबित होगा। उन्होंने अंतरिक्ष में कई प्रयोग किए हैं जो हमारे लिए बेहद उपयोगी हैं।"
उन्होंने सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष की वास्तविक परिस्थितियों का अनुभव करते हुए वैज्ञानिक परीक्षणों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस मिशन का उद्देश्य ऐसे अनुभव प्राप्त करना था जो गगनयान मिशन को बेहतर ढंग से संचालित करने में मदद करेंगे।
नीलेश देसाई ने आगे कहा कि इसरो इस साल के अंत तक एक मानवरहित गगनयान मिशन लॉन्च करेगा। "इस वर्ष एक मानवरहित उड़ान होगी, उसके बाद दो और मानवरहित मिशन होंगे। इसके बाद एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को गगनयान यान के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जहां वह 2 से 7 दिनों तक रहकर पृथ्वी पर वापस लौटेंगे।"