1 सितंबर को चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट के दूसरे दिन भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई।
एससीओ के घोषणापत्र में कहा गया कि इस हमले के अपराधियों, योजनाकारों और उन्हें समर्थन देने वालों को सजा दिलाना आवश्यक है। यह हमला इस वर्ष 22 अप्रैल को हुआ था, जिसमें आतंकियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
गौरतलब है कि इससे पहले जून में हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान एससीओ के घोषणापत्र में इस हमले का कोई उल्लेख नहीं था। भारत ने इस पर नाराजगी जताई थी और उस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।
इस समिट के दौरान एक और महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय बातचीत के लिए एक ही कार में पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, बैठक से पहले दोनों नेताओं ने कार में बैठकर करीब 45 मिनट तक गुप्त चर्चा की। इस बातचीत में पुतिन की आगामी भारत यात्रा पर भी चर्चा की गई।