RSS के 100 साल: 7 प्रमुख कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय संपर्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने 26-28 अगस्त 2025 को दिल्ली के विज्ञान भवन में अपने शताब्दी वर्ष की शुरुआत की। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिस्सा लिया।
संघ अपने 100 साल पूरे होने पर 2 अक्टूबर 2025 से 20 अक्टूबर 2026 तक पूरे भारत में 7 बड़े कार्यक्रम आयोजित करेगा। इनका उद्देश्य संघ की 100 वर्षों की यात्रा, वर्तमान चुनौतियों और समाधानों को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना है। यह कार्यक्रम मोहल्ले से लेकर प्रांत स्तर तक होंगे। पश्चिम बंगाल में कार्यक्रम की शुरुआत नवरात्रि के पहले दिन महालय से हो चुकी है।
विदेश यात्रा पर जाएंगे संघ प्रमुख
संघ प्रमुख मोहन भागवत इस अवसर पर अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। वे किन देशों में जाएंगे इसका निर्णय नवंबर में जबलपुर में होने वाली कार्यकारी मंडल की बैठक में होगा।
नागपुर में पथ संचलन
28 सितंबर को नागपुर में पथ संचलन निकाला गया, जिसमें मोहन भागवत भी मौजूद रहे।
दशहरा भाषण में शामिल होंगे ये मुद्दे
संघ प्रमुख मोहन भागवत के दशहरा भाषण में सेना के पराक्रम, ऑपरेशन सिंदूर, जातिगत जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण, आतंकवाद और पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
RSS शताब्दी वर्ष के 7 प्रमुख कार्यक्रम
- विजयादशमी उत्सव: मंडल और बस्ती स्तर पर गणवेशधारी स्वयंसेवकों व उनके परिवारों की सहभागिता। देशभर में 2 अक्टूबर से, बंगाल में महालय से आरंभ।
- गृह संपर्क अभियान: प्रत्येक घर में जाकर 15 मिनट संघ की जानकारी दी जाएगी। अभियान तीन सप्ताह चलेगा।
- जन गोष्ठियां: मजदूर यूनियन, ऑटो चालकों और प्रबुद्ध वर्ग के साथ संवाद।
- हिंदू सम्मेलन: नगर और खंड स्तर पर सामाजिक वर्गों को जोड़ने वाले सम्मेलन। पूर्व में 1989 और 2006 में हुए थे।
- सद्भाव बैठकें: एक माह तक सामाजिक कार्यकर्ताओं, संस्थाओं और संतों की सहभागिता।
- युवा सम्मेलन: 15-40 वर्ष के युवाओं के लिए सम्मेलन, जिसमें खेल-कूद भी शामिल होंगे।
- शाखा विस्तार: एक सप्ताह तक देशभर में सुबह-शाम की शाखाओं का विस्तार।
RSS के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि
CJI बीआर गवई की मां कमलताई गवई को 5 अक्टूबर को अमरावती में आयोजित RSS कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाया गया है।
वहीं, 2 अक्टूबर को नागपुर में दशहरे पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे। वे RSS कार्यक्रम में शामिल होने वाले दूसरे पूर्व राष्ट्रपति होंगे। इससे पहले 2018 में प्रणब मुखर्जी एक प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में शामिल हुए थे।