5 जून को चांद पर उतरेगा रेजिलिएंस लैंडर
रेजिलिएंस लैंडर, जिसे जापान की आईस्पेस कंपनी ने विकसित किया है, 5 जून 2025 को चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए तैयार है। यह मैरे फ्रिगोरिस (शीत सागर) में उतरेगा, जो चंद्रमा के उत्तरी गोलार्ध में एक विशाल बेसाल्टिक मैदान है। यह स्थान पृथ्वी के साथ बेहतर संचार और सूर्य के प्रकाश की निरंतरता के कारण चुना गया है।
इस मिशन को 15 जनवरी 2025 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इसमें टेनेशियस माइक्रो रोवर, वैज्ञानिक प्रयोग और सांस्कृतिक कलाकृतियाँ शामिल हैं।
लैंडर ने अंतरिक्ष में लंबी दूरी तय की, चंद्रमा के पास से गुजरते हुए पृथ्वी से लगभग 11 लाख किलोमीटर दूर तक गया और अब चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के लिए लौट रहा है।
एक बार जब यह चंद्र सतह पर उतरेगा, तो आईस्पेस यूरोप द्वारा विकसित टेनेशियस रोवर को तैनात किया जाएगा, जो चंद्रमा की मिट्टी (रेगोलिथ) को इकट्ठा करने और सतह पर गतिशीलता परीक्षण करने का कार्य करेगा। इसमें एक HD कैमरा और मिट्टी संग्रहण के लिए एक फावड़ा भी होगा।
यह रोवर स्वीडिश कलाकार मिकाएल जेनबर्ग की कलाकृति "मूनहाउस" को भी चंद्रमा पर लेकर जाएगा। वहीं लैंडर स्वयं एक सांस्कृतिक कलाकृति के रूप में कार्य करेगा, जो 275 भाषाओं में सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करने वाली यूनेस्को स्मृति डिस्क को लेकर जाएगा।
मिशन के लिए वैकल्पिक तिथि और स्थल भी तैयार किए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके। यह मिशन विज्ञान, संस्कृति और वैश्विक सहयोग का अद्भुत उदाहरण है।