प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जनवरी को भारतीय मौसम विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में भारतीय मंडपम पहुंचे। पीएम मोदी ने यहां 25 मिनट की स्पीच दी, जिसमें उन्होंने IMD के विकास, महत्व और चुनौतियों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी का IMD की प्रगति पर संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब मौसम से जुड़ी सारी अपडेट्स वॉट्सएप पर उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 सालों में कई साइक्लोन आए, लेकिन भारत ने जनहानि को न्यूनतम किया। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में पहले कार्यक्रम तय था, लेकिन मौसम विभाग के द्वारा दी गई जानकारी के कारण कार्यक्रम को पुनर्निर्धारित किया गया, जिससे कार्यक्रम आसानी से पूरा किया जा सका।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार अब भारत के वैज्ञानिक दृष्टिकोण का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में IMD ने अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रौद्योगिकी में विस्तार किया है, जिसमें ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, रनवे वेदर मॉनिटरिंग सिस्टम, और डिस्ट्रिक्ट वाइज रेनफॉल मॉनिटरिंग सिस्टम शामिल हैं।
IMD की भूमिका मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन में
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अब स्पेस और डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से मौसम पूर्वानुमान का लाभ उठा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के पास अंटार्कटिका में दो मौसम वेधशालाएं – मैत्री और भारती हैं, और पिछले साल अर्थ और अरुणिका जैसे सुपर कंप्यूटरों की शुरुआत की गई है, जिससे IMD की विश्वसनीयता और भी बढ़ी है।
IMD का सार्वजनिक सेवा में योगदान
IMD के 150वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मौसम विभाग के योगदान को सराहा। उन्होंने "IMD विजन 2047" दस्तावेज का भी उल्लेख किया, जो विभाग की भविष्यवाणी क्षमता, कृषि, आपदा प्रबंधन, और जलवायु परिवर्तन को कम करने की योजना पर आधारित है। यह दस्तावेज 2047 में भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्षों के अवसर पर IMD की भूमिका को और मजबूत बनाने का मार्गदर्शन करेगा।
IMD के द्वारा चलाए गए अर्ली वार्निंग सिस्टम से अब देश की 90% आबादी तक मौसम संबंधी जानकारी पहुंच रही है। मेघदूत मोबाइल ऐप, जो देश की सभी स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है, के जरिए किसानों, मछुआरों और आम जनता को रियल टाइम मौसम जानकारी मिल रही है, जिसमें बिजली गिरने की जानकारी भी शामिल है।
IMD विजन-2047 दस्तावेज़
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने IMD विजन-2047 दस्तावेज़ भी जारी किया, जो मौसम प्रबंधन प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए सहायक होगा। इस दस्तावेज़ में मौसम पूर्वानुमान प्रक्रिया, कृषि, आपदा प्रबंधन, उद्योगों के लिए समाधान और जलवायु परिवर्तन को कम करने की योजना का ब्लूप्रिंट शामिल है।
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