कर्ण को कृष्ण के नजरिए से समझना चाहते थे पंकज ताकि उसका द्वंद्व परदे पर दिखा सकें
बी.आर. चोपड़ा की टीवी सीरीज ‘महाभारत’ में 'कर्ण' का किरदार निभाने वाले अभिनेता पंकज धीर का 15 अक्टूबरनीतिश भारद्वाज और गजेंद्र चौहान ने गहरा दुख जताया।
नीतिश भारद्वाज ने बताया कि 'महाभारत' में कर्ण का किरदार इतना गहन और प्रतिष्ठित था कि वे दोनों अक्सर इस पर चर्चा किया करते थे। 'कर्ण' और 'कृष्ण' दोनों ही महाभारत के केंद्रीय पात्र थे।
कृष्ण के दृष्टिकोण से कर्ण को समझने की जिज्ञासा
नीतिश के अनुसार, पंकज धीर की खासियत यह थी कि वे कर्ण को सिर्फ एक योद्धा नहीं बल्कि कृष्ण के दृष्टिकोण से समझना चाहते थे। उस प्रसिद्ध सीन की तैयारी को याद करते हुए नीतिश ने बताया जब कृष्ण, कर्ण को उनकी असली पहचान बताते हैं — कि वे राधेय नहीं बल्कि कुंती पुत्र (कौन्तेय) हैं।
इस सीन से पहले पंकज धीर ने डायरेक्टर रवि चोपड़ा से गहन चर्चा की और फिर वे स्वयं नीतिश भारद्वाज के घर दो दिनों तक आए, जहां उन्होंने कर्ण के मानसिक द्वंद्व को लेकर लंबी बातचीत की।
चरित्र में गहराई लाने की पंकज धीर की कला
नीतिश ने कहा कि पंकज जानना चाहते थे कि जब कृष्ण कर्ण को उनकी सच्चाई बताएंगे तो उस समय उनके मन में कैसे भावनात्मक असंतुलन और संघर्ष होगा। एक अभिनेता का अपने किरदार को दूसरे महत्वपूर्ण पात्र की नजर से समझना ही पंकज धीर की अभिनय प्रतिभा को दर्शाता है।
महाभारत की शूटिंग और पंकज की यादें
नीतिश ने बताया कि ‘महाभारत’ की शूटिंग लगभग ढाई से तीन साल (1988 से 1991) तक चली थी। उन्होंने पंकज धीर को बहुत ही सरल, सहज और गजब के हास्यबोध वाला व्यक्ति बताया। कैमरे के पीछे वे बेहद मिलनसार और खुशमिजाज थे, जो ऑनस्क्रीन उनके गंभीर किरदार से बिलकुल अलग थे।