नॉन-यूरिया खाद पर रबी सीजन के लिए सब्सिडी बढ़ी
पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त से पहले केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। रबी सीजन में महंगे उर्वरकों से राहत देने के लिए सरकार ने फास्फोरस और सल्फर आधारित नॉन-यूरिया उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाकर 37,952 करोड़ रुपये कर दी है। यह पिछले रबी सीजन से लगभग 14,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेंगी।
किसानों को महंगे उर्वरक से राहत
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री के अनुसार, बीते साल रबी सीजन में सब्सिडी 24,000 करोड़ रुपये थी। इस बार इसे बढ़ाकर 37,952 करोड़ रुपये किया गया है। सरकार चाहती है कि डीएपी और टीएसपी जैसे जरूरी उर्वरक किसानों को सस्ती दर पर मिलें और खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि न हो।
नई सब्सिडी दरें
| उर्वरक | पिछली दर (₹/किग्रा) | नई दर (₹/किग्रा) |
|---|---|---|
| फॉस्फोरस | 43.60 | 47.96 |
| सल्फर | 1.77 | 2.87 |
| नाइट्रोजन | 43.02 | 43.02 |
| पोटाश | 2.38 | 2.38 |
एनबीएस योजना (पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना)
यह सब्सिडी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना (NBSS) के तहत दी जाती है, जो अप्रैल 2010 से लागू है। इसके तहत उर्वरक कंपनियों को प्रति किलोग्राम पोषक तत्व पर तय राशि दी जाती है, ताकि वे किसानों को सस्ती दर पर उर्वरक बेच सकें। सरकार परिवहन और वितरण पर भी सब्सिडी देती है, जिससे देश के दूरदराज इलाकों में भी उर्वरक समय पर और सस्ती कीमत पर उपलब्ध हो सके।