निर्यात पर नहीं दिखा अमेरिकी टैरिफ का असर
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण भारत का व्यापार घाटा 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। सोना और चांदी के आयात में तेज वृद्धि और अमेरिका को निर्यात में कमी इसके मुख्य कारण हैं। हालांकि वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि सभी उत्पादों पर टैरिफ का समान असर नहीं होगा और स्थिति का गहन मूल्यांकन किया जा रहा है।
27 अगस्त से लागू हुए 50 प्रतिशत टैरिफ (Trump Tariff) के बाद सितंबर वह पहला पूरा महीना रहा जब इसका असर दिखा। बुधवार को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का व्यापार घाटा $32.15 अरब डॉलर$24.65 अरब था।
सितंबर 2025 में आयात-निर्यात का आंकड़ा
भारत का माल निर्यात 6.7% की वार्षिक वृद्धि$36.38 अरब डॉलर रहा, वहीं आयात 16.7% बढ़कर $68.53 अरब डॉलर तक पहुंच गया। सेवा क्षेत्र में निर्यात 5.5% घटकर $30.82 अरब और सेवा आयात 7.6% घटकर $15.3 अरब रहा, जिससे $15.5 अरब का अधिशेष बना। सेवा आंकड़े अनुमानित हैं और आरबीआई द्वारा संशोधित किए जाएंगे।
GTRI रिपोर्ट: अमेरिका बना सबसे प्रभावित बाजार
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अजय श्रीवास्तव के अनुसार, "टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका भारत का सबसे अधिक प्रभावित बाजार बन गया है।" आंकड़े बताते हैं कि सितंबर में अमेरिका को निर्यात 20% गिरा और पिछले चार महीनों में यह गिरावट लगभग 40% रही।
27 अगस्त से अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाया गया था, जिसमें रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण 25% अतिरिक्त दंड
सोना-चांदी के आयात में तेज उछाल
सितंबर में सोने का आयात 107% बढ़कर $9.6 अरब डॉलर और चांदी का आयात 139% बढ़कर $1.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया। उर्वरक आयात 202% की वृद्धिइलेक्ट्रॉनिक्स आयात 15% बढ़कर $9.82 अरब डॉलर हुआ।
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि भले ही सितंबर में सोने के आयात में उछाल आया, लेकिन अप्रैल से सितंबर के बीच कुल आयात 8.7% कमत्योहारी सीजन माना जा रहा है।
टैरिफ का प्रभाव सीमित: 45% निर्यात टैरिफ से बाहर
अग्रवाल ने बताया कि भारत के लगभग 45% निर्यात ऐसे उत्पाद हैं जो टैरिफ के दायरे से बाहर हैं, इसलिए उन पर असर कम रहेगा। वाणिज्य विभाग वस्तु-स्तर पर गहराई से विश्लेषण कर रहा है।