निसार सेटेलाइट 30 जुलाई को होगा लांच
नासा और इसरो का संयुक्त उपग्रह निसार 30 जुलाई को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित होगा। यह उपग्रह स्वीपएसएआर तकनीक से पृथ्वी की सतह के सूक्ष्म बदलावों का पता लगाएगा। यह समुद्री बर्फ, जहाजों, तूफानों और आपदा प्रबंधन में भी मदद करेगा।
अंतरिक्ष एजेंसी ने 21 जुलाई को बताया कि नासा-इसरो जॉइंट सैटेलाइट निसार को 30 जुलाई को शाम 5:40 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। इसरो के मुताबिक जीएसएलवी-एफ16 सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) सैटेलाइट को 98.4 डिग्री के झुकाव के साथ 743 किलोमीटर की सूर्य-समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करेगा।
इसरो ने एक प्रेस ब्रीफ में कहा कि निसार पहली बार स्वीपएसएआर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 242 किलोमीटर के क्षेत्र और उच्च स्थानिक विभेदन के साथ पृथ्वी का अवलोकन करेगा। उपग्रह पूरी दुनिया को स्कैन करेगा और 12 दिनों के अंतराल पर सभी मौसम, दिन और रात के आंकड़े देगा, साथ ही कई प्रकार के अनुप्रयोगों को सक्षम करेगा।
छोटी-छीटी गतिविधियों पर रखेगा नजर
इसरो के मुताबिक निसार पृथ्वी की सतह में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों, जैसे जमीनी विरूपण, बर्फ की चादर की गति और वनस्पति की गतिशीलता का भी पता लगा सकता है। इसके दूसरे अनुप्रयोगों में समुद्री बर्फ का वर्गीकरण, जहाजों का पता लगाना, तटरेखा की निगरानी, तूफान का लक्षण-निर्धारण, मिट्टी की नमी में परिवर्तन, सतही जल संसाधनों का मानचित्रण और निगरानी या आपदा प्रतिक्रिया शामिल हैं।