1 अक्टूबर 2025 से UPI में लागू होगा नया नियम
NPCI ने P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर को बंद करने की घोषणा की
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर 2025 से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में पीयर-टू-पीयर (P2P) 'कलेक्ट रिक्वेस्ट' फीचर को बंद कर दिया जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य इस सुविधा से जुड़े वित्तीय फ्रॉड को रोकना है।
'कलेक्ट रिक्वेस्ट' या 'पुल ट्रांजैक्शन' एक ऐसा फीचर था जिससे यूजर्स दूसरों से पैसे मांग सकते थे। लेकिन स्कैमर्स इस सुविधा का दुरुपयोग कर यूजर्स को धोखे से पेमेंट अप्रूव करवा लेते थे।
NPCI ने 29 जुलाई को जारी सर्कुलर में कहा कि 1 अक्टूबर 2025 के बाद P2P कलेक्ट ट्रांजैक्शन को इनिशिएट, रूट या प्रोसेस नहीं किया जाएगा। हालांकि, मर्चेंट ट्रांजैक्शन में यह फीचर पहले की तरह उपलब्ध रहेगा, यानी व्यापारी अपने ग्राहकों से पेमेंट मांगने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर क्यों लाया गया था?
यह फीचर मूल रूप से यूजर्स को दोस्तों और परिवार वालों से पेंडिंग पेमेंट की याद दिलाने के लिए लाया गया था। लेकिन अब UPI में स्प्लिट पेमेंट जैसी सुविधाएं आने के बाद इसका इस्तेमाल काफी कम हो गया है।
भारत में UPI की बढ़ती लोकप्रियता
UPI भारत का सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन गया है, जो हर महीने लगभग 20 बिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस करता है, जिनकी कुल वैल्यू लगभग ₹25 लाख करोड़ होती है। भारत में करीब 400 मिलियन यूनिक UPI यूजर्स हैं।
NPCI का यह फैसला डिजिटल पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा बढ़ाने और यूजर्स को संभावित धोखाधड़ी से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।