हमारी मजबूत दोस्ती ही राइट चॉइस: मोदी-शी मुलाकात से भारत-चीन संबंधों में नया मोड़
31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में मुलाकात हुई। इस मुलाकात को दोनों देशों के रिश्तों में एक नए सकारात्मक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका के टैरिफ और रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर बढ़ते दबाव के बीच भारत-चीन के बीच रिश्तों में नरमी आई है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, चीन ने SCO मंच से यह संदेश दिया है कि अमेरिका अब अकेला वैश्विक निर्णयकर्ता नहीं है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू की गई टैरिफ वॉर के बीच भारत और चीन के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। दोनों देशों के साथ रूस के भी मजबूत रिश्ते रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का चीन दौरा और तियानजिन में हुई यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई है।
चीन के ऐतिहासिक शहर तियानजिन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत काफी सकारात्मक रही। दुनियाभर के कई देश इसे आशावादी दृष्टिकोण से देख रहे हैं।
इस मुलाकात के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया जैसे न्यूयॉर्क टाइम्स, CNN और BBC ने भारत-चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों को मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में बेहद अहम बताया है।
CNN ने लिखा: “तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान सात वर्षों बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को दोनों देशों के रिश्तों में नए मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। शी ने कहा कि भारत और चीन को प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि मित्र और साझेदार बनना चाहिए, जबकि मोदी ने आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।”