13 जनवरी 2025 को महाकुंभ 2025 के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। महाकुंभ के दूसरे दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति स्नान पर्व का योग मिलने से अधिकतर श्रद्धालु दोहरे पुण्य अर्जन की कामना से मेला क्षेत्र या नगर में डेरा डाले हुए हैं। प्रशासन के अनुसार 1.65 करोड़ लोगों ने गंगा समेत विभिन्न घाटों पर पुण्यार्जन किया। 12 साल बाद ग्रह-राशियों के अद्भुत योग से तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ का यह संयोग बना, जिससे त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर श्रद्धालु परम आनंद का अनुभव कर रहे हैं। श्रद्धालुओं और कल्पवासियों ने संतों के चरणों में शीश नवाकर मंगलमय जीवन का आशीर्वाद प्राप्त किया। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर पौष पूर्णिमा की तड़के सुबह का दृश्य अत्यंत अद्भुत और प्रेरणादायक था, जो हृदय को छू गया। स्नान विधान 12 जनवरी की आधी रात से शुरू हो गए थे, लेकिन पुण्यकाल का आरंभ 13 जनवरी को ब्रह्ममुहूर्त में 4:32 बजे हुआ, और त्रिवेणी संगम के 44 घाटों पर हर-हर गंगे का उद्घोष गूंज उठा।