लास्लो क्रास्नाहोरकाई को साहित्य का नोबेल पुरस्कार
साल 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकाई को प्रदान किया गया है। स्वीडन की स्वीडिश एकेडमी ने 9 अक्टूबर को उनके नाम की घोषणा की।
स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि "उनकी लेखनी आतंक के बीच भी कला की शक्ति को उजागर करती है।" क्रास्नाहोरकाई न केवल उपन्यासकार हैं, बल्कि उन्होंने कई फिल्मों के स्क्रीनप्ले भी लिखे हैं, जिनमें से एक फिल्म ऑस्कर में नामांकित हुई थी।
लेखक का परिचय
लास्लो क्रास्नाहोरकाई का जन्म 5 जनवरी 1954 को हंगरी के ग्युला शहर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता जिर्जी क्रास्नाहोरकाई एक वकील थे और माता जूलिया पालिनकास एक सामाजिक सुरक्षा प्रशासक थीं। 11 वर्ष की उम्र में उन्हें पता चला कि उनके पिता की यहूदी विरासत है, जिसे उन्होंने छिपाकर रखा था।
उन्होंने 1972 में एर्केल फेरेंक हाई स्कूल से स्नातक किया, जहां उन्होंने लैटिन विषय में विशेषज्ञता हासिल की। 1973 में उन्होंने योजेफ अटिला विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई शुरू की और बाद में स्वतंत्र लेखक बन गए।
उनका पहला उपन्यास "सैतानटैंगो" 1985 में प्रकाशित हुआ और वह तुरंत ही प्रसिद्ध हो गए। उनकी प्रमुख कृतियों में "सैतानटैंगो", "द मेलानचोली ऑफ रेसिस्टेंस", "वार एंड वार", और "एनिमल इनसाइड" शामिल हैं। उनकी कहानियाँ अक्सर रहस्यमय घटनाओं और विचित्र अफवाहों से भरी होती हैं।