देश में करोड़ों किसानों की पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है. आज इसकी मदद से देश के किसानों के पास करीब 10 लाख करोड़ रुपए की सहायता मौजूद है. अब सरकार ने इससे लाभ उठाने वाले किसानों की संख्या भी जारी की है. देश में किसानों को बीज, फर्टिलाइजर और कीटनाशक इत्यादि क्रेडिट पर खरीदने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाते हैं. अब इससे जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आई है.
वित्त मंत्रालय का कहना है कि देश में अभी जितने भी किसान क्रेडिट कार्ड चालू हैं, उन खातों में 31 दिसंबर 2024 तक मौजूद कुल राशि 10 लाख करोड़ रुपए को पार कर चुकी है. इसका मतलब ये हुआ कि देश के करोड़ों किसानों के पास 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक की पूंजी उपलब्ध है.
वित्त मंत्रालय ने 25 फरवरी को जानकारी दी कि किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने को लेकर बीते 10 सालों में काफी काम हुआ है. 2014 में किसान क्रेडिट कार्ड की राशि महज 4.26 लाख करोड़ रुपए थी. मंत्रालय के बयान के मुताबिक किसान क्रेडिट कार्ड से देश के 7.72 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है. किसान क्रेडिट कार्ड की राशि का इतना बढ़ना इस बात का सबूत है कि देश में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए किसानों को दिए जाने वाले सस्ते कर्ज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वहीं देश में कृषि गतिविधियां भी बढ़ी हैं.
किसान क्रेडिट कार्ड बैंक से जारी होते हैं. इसके जरिये किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे प्रोडक्ट खरीदने के लिए समय पर सस्ता कर्ज मिल जाता है.
साल 2019 में सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी से जुड़े किसानों तक भी पहुंचाना शुरू कर दिया. किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए सरकार बैंकों के ब्याज का 1.5 प्रतिशत तक वहन करती है. किसानों को 7 प्रतिशत सालाना की दर पर 3 लाख रुपए तक का सस्ता शॉर्ट टर्म कर्ज मिलता है. इस साल अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने इस लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है. इतना ही नहीं इसमें करीब 2 लाख रुपए का कर्ज रेहन मुक्त रहेगा.