केन-बेतवा लिंक परियोजना: देश का पहला नदी जोड़ो अभियान
परियोजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला रखी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के अनुसार, इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के 10 जिलों के लगभग 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। इसकी अनुमानित लागत 44,605 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया.
अटल बिहारी वाजपेयी का सपना
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दो दशक पहले इस योजना की परिकल्पना की थी। इसका उद्देश्य नदियों को आपस में जोड़कर सूखे की समस्या को खत्म करना था। अब यह सपना साकार होने जा रहा है, और केन और बेतवा नदियों को जोड़ा जा रहा है।
परियोजना का उद्देश्य
इस परियोजना का उद्देश्य बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त इलाकों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा पहुंचाना है। केन नदी पर दौधन बांध और 221 किमी लंबी लिंक नहर का निर्माण किया जाएगा।
परियोजना के लाभ
केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और उत्तर प्रदेश के झांसी जिलों के गांवों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही पन्ना टाइगर रिजर्व के पास 77 मीटर ऊंचाई और 2.13 किमी लंबाई के बांध का निर्माण होगा।
नहर और टनल का निर्माण
दौधन बांध से पानी टनल के माध्यम से 221 किमी लंबी नहर तक पहुंचेगा। यह नहर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खेतों तक पानी पहुंचाएगी।
एमपी और यूपी के जिलों को लाभ
इस परियोजना से मध्य प्रदेश के पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया जिलों को लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश में झांसी जिले के लोग भी इससे लाभान्वित होंगे।