मध्य प्रदेश की विधानसभा पेपरलेस बनने जा रही है। इस योजना में 60 प्रतिशत लागत का वहन केंद्र सरकार करेगी और राज्य सरकार 40 प्रतिशत खर्च करेगी। इस योजना पर राज्य सरकार के 24 करोड़ रुपये खर्च होना प्रस्तावित है। यह योजना एक साल में पूरी तरह क्रियान्वित हो जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 10 जुलाई को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य सरकार ने संसदीय कार्य विभाग के मध्य प्रदेश विधानसभा को पेपरलेस बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एक साल में प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा। देश की सभी विधानसभाओं को पेपरलेस बनाने और उन्हें एक प्लेटफॉर्म पर लाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन लॉन्च किया है। मध्य प्रदेश की विधानसभा देश की 13वीं विधानसभा होगी, जो पेपरलेस होने जा रही है।