भारतीय मूल के इतिहासकार सुनील अमृत को ब्रिटिश अकादमी पुस्तक पुरस्कार 2025
निर्णायक मंडल की अध्यक्ष और ब्रिटेन की इतिहासकार प्रोफेसर रेबेका अर्ल ने इस पुरस्कार की घोषणा की। उन्होंने सुनील अमृत की पुस्तक ‘द बर्निंग अर्थ: एन एनवायर्नमेंटल हिस्ट्री ऑफ द लास्ट 500 इयर्स’ को मानव इतिहास और पर्यावरणीय परिवर्तन के बीच के अंतर्संबंधों का एक शानदार विवरण बताया।
भारतीय मूल के इतिहासकार सुनील अमृत को उनकी पुस्तक ‘द बर्निंग अर्थ: एन एनवायर्नमेंटल हिस्ट्री ऑफ द लास्ट 500 इयर्स’ के लिए ब्रिटिश अकादमी पुस्तक पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है। इस पुरस्कार के तहत विजेता को 25,000 पाउंड की राशि दी जाती है, जो विश्व की सर्वश्रेष्ठ गैर-काल्पनिक कृतियों को प्रदान की जाती है।
अमेरिका के येल विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर सुनील अमृत का जन्म केन्या में हुआ, वे सिंगापुर में पले-बढ़े और उन्होंने इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 46 वर्षीय अमृत की पुस्तक को निर्णायकों ने जलवायु संकट के संदर्भ में महत्वपूर्ण पठन सामग्री बताया।
बुधवार शाम लंदन स्थित ब्रिटिश अकादमी में आयोजित समारोह में सुनील अमृत को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया। अमेरिका से लाइव वीडियो लिंक के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े अमृत ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि यह पुस्तक मानवीय और पर्यावरणीय दोनों प्रकार के नुकसान और पीड़ा के बारे में बहुत विस्तार से बताती है।”