भारत-यूके एफटीए के तहत सरकारी खरीद में भागीदारी का मौका
भारत और ब्रिटेन के बीच किए गए मुक्त व्यापार समझौते (India-UK FTA) के अमल के बाद अब दोनों देश एक-दूसरे की सरकारी खरीद प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। इस प्रविधान से भारत को अधिक लाभ मिलने की संभावना है।
भारत को क्यों होगा ज्यादा फायदा?
भारत ने केवल सीमित केंद्रीय विभागों की गैर-संवेदनशील वस्तुओं की खरीद में ब्रिटेन के सप्लायर्स को हिस्सा लेने की अनुमति दी है। वहीं ब्रिटेन ने भारतीय सप्लायर्स को सभी प्रकार की सरकारी खरीद में भाग लेने की अनुमति दी है।
ब्रिटेन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भारतीय सप्लायर्स के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा और उन्हें स्थानीय कंपनियों की तरह समान अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही भारत सरकार अपने यहां की सरकारी खरीद में एमएसएमई को प्राथमिकता देती रहेगी।
ब्रिटेन कहां भाग ले सकेगा?
एफटीए के तहत, ब्रिटेन के सप्लायर्स केवल भारत के केंद्रीय विभागों की गैर-संवेदनशील खरीद में भाग ले सकेंगे। उन्हें पीएसयू, राज्य सरकारों या अन्य संस्थाओं की खरीद में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी।
भारतीय कंपनियों को कहां मिलेगा लाभ?
भारतीय सप्लायर्स ब्रिटेन के सभी प्रमुख सरकारी विभागों की खरीद प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे, जैसे:
- कैबिनेट कार्यालय
- व्यापार विभाग
- नेशनल हाईवे
- स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग
- शिक्षा विभाग
इसके अलावा, सेवा प्रदाय में भागीदारी का अवसर मिलने से भारतीय आईटी कंपनियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
क्या अमेरिका भी रखेगा यही मांग?
विदेश व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, एफटीए में सरकारी खरीद शामिल होनेअमेरिका भी भविष्य में भारत के साथ व्यापार समझौते में ऐसा ही प्रावधान शामिल करने की मांग कर सकता है।