कैंसर के इलाज के लिए विशाखापत्तनम में लगेगा परमाणु रिएक्टर
12 अक्टूबर को परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने घोषणा की कि विशाखापत्तनम में एक विशेष परमाणु रिएक्टर स्थापित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य मेडिकल आइसोटोप का उत्पादन करना होगा।
यह पहल रेडियो आइसोटोप के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने और कैंसर के इलाज को सस्ता बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
रेडियो आइसोटोप अस्थिर परमाणु नाभिक होते हैं, जो स्थिर रूप में परिवर्तित होते समय ऊर्जा और कण उत्सर्जित करते हैं। इनका उपयोग परमाणु चिकित्सा में कैंसर की जांच और इलाज में होता है।
यह प्रस्तावित रिएक्टर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत अगले चार से पांच वर्षों में स्थापित किया जाएगा। यह भारत का पहला ऐसा रिएक्टर होगा जो पूरी तरह से मेडिकल आइसोटोप के उत्पादन को समर्पित होगा।
फिलहाल भारत के पास आइसोटोप उत्पादन के लिए समर्पित कोई विशेष रिएक्टर नहीं है। मौजूदा रिएक्टरों का उपयोग अनुसंधान और अन्य विकिरण प्रयोगों के लिए भी किया जाता है।
बीएआरसी वर्तमान में देश के चिकित्सा संस्थानों को हर साल लगभग दो लाख यूनिट परमाणु सामग्री की आपूर्ति करता है, जिसका उपयोग कैंसर जैसी बीमारियों के निदान और इलाज में किया जाता है।