भारत ने ट्रंप के रूस से तेल खरीद के दावे को किया खारिज


तेल खरीद को लेकर भारत ने ट्रंप का दावा किया खारिज

राष्ट्रपति ट्रंप के रूस से तेल खरीद संबंधी दावे को भारत ने खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई। तेल खरीदने का फैसला जनहित को ध्यान में रखकर लिया जाता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अमेरिका से ऊर्जा खरीद बढ़ाने का इच्छुक है। रूसी राजदूत ने कहा कि रूस से तेल की आपूर्ति भारत के लिए फायदेमंद है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से बार-बार की जा रही बयानबाजी भारत-अमेरिका के रिश्तों को असहज कर रही है। दोनों देशों के अधिकारियों की तरफ से अमेरिकी शुल्क नीति से उत्पन्न तनाव को समाप्त करने की कोशिशें इस वजह से प्रभावित हो रही हैं। 16 सितंबर को उन्होंने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी बातचीत हुई और मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा।

16 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के दावे को खारिज किया और कहा कि दोनों नेताओं के बीच ऐसी कोई बातचीत एक दिन पहले नहीं हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेल खरीद निर्णय आम जनता के हित को प्राथमिकता देते हुए लिया जाता है। भारत अमेरिका से तेल खरीद बढ़ाने का इच्छुक भी है। ट्रंप ने बातचीत की तारीखों को लेकर दो अलग-अलग बयान दिए थे, एक बार दो दिन पहले बात हुई और बाद में कहा कि आज आश्वासन मिला।

भारत ने ट्रंप के दावे को किया खारिज

राष्ट्रपति भवन में पत्रकारों के सवाल पर ट्रंप ने कहा, "हाँ, निश्चित रूप से मैं पीएम मोदी से मलेशिया में मिलूंगा। वे मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं, लेकिन मैं उनसे नाराज हूँ क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा है जिससे जंग जारी है। इससे यूक्रेन और रूस में लाखों लोगों की मौत हुई है। मोदी ने मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करेगा। यह बहुत बड़ी बात है।"

उन्होंने यह भी कहा कि दो दिन पहले मोदी से बातचीत हुई थी, जबकि भारतीय और अमेरिकी सरकारी जानकारी के अनुसार अंतिम बातचीत 9 अक्टूबर को हुई थी। ट्रंप के बयान में निरंतरता की कमी देखी गई।

ट्रंप के बयान के कुछ घंटे बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप से कोई बातचीत नहीं हुई है। भारत ऊर्जा आयातक है और अपनी ऊर्जा नीतियों में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करता है। भारत की ऊर्जा नीति का लक्ष्य स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना है। भारत विभिन्न स्रोतों से ऊर्जा खरीदता है और ऊर्जा संसाधनों का विस्तार करता है। अमेरिका से ऊर्जा खरीद बढ़ाने के प्रयास वर्षों से चल रहे हैं।

रूसी राजदूत ने कहा, रूस से तेल खरीदना भारत के लिए फायदेमंद

ट्रंप के दावे के कुछ घंटे बाद नई दिल्ली में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि मोदी और ट्रंप के बीच बातचीत की उन्हें जानकारी नहीं है। भारत सरकार अपने लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेती है और इसी आधार पर रूस से तेल खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि रूस भारत के शीर्ष चार व्यापारिक साझेदारों में शामिल हो चुका है। दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 70 अरब डॉलर से ऊपर चला गया है, जिसमें कच्चा तेल, उर्वरक और कृषि उत्पाद शामिल हैं।




पत्रिका

...
Pratiyogita Nirdeshika January 2026
और देखे
...
Books for MPPSC Exam Preparation 2026 || विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
और देखे
...
Pratiyogita Nirdeshika December 2025
और देखे
...
Books for MPPSC Exam Preparation 2025 || विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
और देखे