2024 में भारत का सैन्य खर्च: SIPRI रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष 5 देशों में शामिल
प्रकाशित तिथि: 28 अप्रैल 2025
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2024 में अपने सैन्य खर्च में 1.6% की वृद्धि के साथ 86.1 बिलियन डॉलर (लगभग ₹7.19 लाख करोड़) का बजट आवंटित किया है। इस आंकड़े के साथ, भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा सैन्य व्यय करने वाला देश बन गया है, जो अमेरिका, चीन, रूस और जर्मनी के बाद है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान का सैन्य बजट भारत के मुकाबले लगभग नौ गुना कम है, जो केवल 10.2 बिलियन डॉलर (लगभग ₹85,170 करोड़) है।
वैश्विक सैन्य खर्च का वितरण
- अमेरिका: 997 बिलियन डॉलर
- चीन: 314 बिलियन डॉलर
- रूस: 149 बिलियन डॉलर
- जर्मनी: 88.5 बिलियन डॉलर
- भारत: 86.1 बिलियन डॉलर
- यूक्रेन: 64.7 बिलियन डॉलर (GDP का 34%)
- पोलैंड: 38 बिलियन डॉलर (31% की वृद्धि)
भारत का रक्षा बजट आवंटन
2024-25 के अंतरिम केंद्रीय बजट में भारत ने रक्षा के लिए ₹6.21 लाख करोड़ का आवंटन किया है, जो पिछले वर्ष की संशोधित अनुमान से केवल 0.064% अधिक है। इसमें:
- रक्षा बजट का 67.7% हिस्सा राजस्व और पेंशन मद में चला गया है।
- हथियारों की खरीद के लिए पूंजीगत व्यय में लगातार तीसरे वर्ष कमी की गई है।
- कुल बजट में रक्षा क्षेत्र को 12.9% हिस्सेदारी मिली है, जो पिछले वर्ष के 13% से थोड़ी कम है।
ये रुझान संकेत देते हैं कि भारत सीमित संसाधनों के साथ अपनी सैन्य क्षमताओं के आधुनिकीकरण के प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है।
यूरोप में बढ़ता रक्षा निवेश
SIPRI ने यह भी रेखांकित किया कि मध्य और पश्चिमी यूरोप के देशों ने 2024 में सैन्य खर्च में तेज़ वृद्धि दर्ज की है। जर्मनी और पोलैंड जैसे देशों ने रक्षा आधुनिकीकरण और सामरिक तैयारी बढ़ाने के लिए व्यापक निवेश किए हैं। जर्मनी का खर्च 88.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचकर क्षेत्र में सबसे बड़ा बन गया, जबकि पोलैंड ने अपनी GDP का 4.2% रक्षा क्षेत्र में निवेश किया।