भारत ने अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में चीन को पीछे छोड़ा
भारत ने 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात करने के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। कैनालिस (अब ओमडिया का हिस्सा) की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से जून 2025 के बीच चीन में असेंबल किए गए स्मार्टफोन्स की अमेरिकी निर्यात में हिस्सेदारी 61% से घटकर 25% रह गई।
टैरिफ संबंधी चिंताओं और विक्रेताओं द्वारा इन्वेंट्री एडजस्टमेंट के चलते अमेरिका में स्मार्टफोन निर्यात में 1% की वृद्धि हुई। इस गिरावट का सबसे बड़ा लाभ भारत को हुआ, जहां से स्मार्टफोन निर्यात में साल-दर-साल 240% की बढ़ोतरी देखी गई। अब मेड इन इंडिया स्मार्टफोन की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी 44% हो गई है, जो पिछली साल की समान तिमाही में 13% थी।
ब्रांडवार प्रदर्शन
- एपल: iPhone निर्यात 11% घटकर 1.33 करोड़ यूनिट रहा।
- सैमसंग: निर्यात में 38% वृद्धि होकर 83 लाख यूनिट हुआ।
- मोटोरोला: निर्यात 2% बढ़कर 32 लाख यूनिट हुआ।
- गूगल: 13% बढ़कर 8 लाख यूनिट का निर्यात हुआ।
- TCL: निर्यात 23% घटकर 7 लाख यूनिट रहा।
भारत बना प्रमुख विनिर्माण केंद्र
एपल ने भारत में iPhone 16 सीरीज के प्रो मॉडल का निर्माण और असेंबलिंग शुरू कर दी है, हालांकि प्रो मॉडल की आपूर्ति के लिए वह अभी भी चीन पर निर्भर है। सैमसंग और मोटोरोला ने भी भारत से अमेरिका को आपूर्ति बढ़ाई है, लेकिन उनकी गति एपल की तुलना में धीमी है।
यह पहली बार है जब भारत अमेरिका में बिकने वाले स्मार्टफोन्स का प्रमुख विनिर्माण स्रोत बन गया है। इस बदलाव का मुख्य कारण अमेरिका-चीन व्यापार अनिश्चितता के बीच एपल की 'चाइना प्लस वन' रणनीति है, जिसके तहत एपल ने भारत में अपनी उत्पादन क्षमता में तेजी से विस्तार किया है।