भारत में बनी पहली माइक्रोप्रोसेसर चिप ‘विक्रम’ लॉन्च
सेमीकॉन इंडिया 2025 इवेंट में भारत की पहली पूरी तरह स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर चिप ‘विक्रम’ को लॉन्च किया गया। इसे ISRO की सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (SCL) ने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के साथ मिलकर तैयार किया है। यह चिप खासतौर पर अंतरिक्ष मिशनों के लिए डिज़ाइन की गई है।
इस चिप को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले तेल को ब्लैक गोल्ड कहा जाता था, लेकिन अब चिप्स डिजिटल डायमंड हैं।”
विक्रम चिप की प्रमुख विशेषताएं:
- पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन और निर्मित
- 32-बिट जनरल पर्पस आर्किटेक्चर पर आधारित
- –55°C से +125°C तापमान पर काम करने की क्षमता
- 180 नैनोमीटर CMOS टेक्नोलॉजी पर आधारित
- 64-बिट फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस को सपोर्ट करती है
- ISRO द्वारा बनाए गए स्वदेशी सॉफ्टवेयर टूल्स: कंपाइलर, असेंबलर, लिंकर, सिमुलेटर और IDE
- PSLV-C60 मिशन में POEM-4 के तहत सफलतापूर्वक टेस्ट की गई
अन्य प्रस्तुत तकनीकें:
विक्रम के साथ-साथ ISRO ने कल्पना 3201 नामक एक और 32-बिट SPARC V8 RISC माइक्रोप्रोसेसर भी लॉन्च किया। यह ओपन-सोर्स टूल्स के साथ कम्पैटिबल है। इसके अलावा रिइन्फिगरेबल डेटा एक्विजिशन सिस्टम, रिले ड्राइवर IC, और मल्टी-चैनल LDO रेगुलेटर IC भी प्रस्तुत किए गए।
सेमीकॉन इंडिया 2025 की शुरुआत
यह आयोजन 2 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के यशोभूमि में शुरू हुआ। तीन दिन के इस इवेंट (2-4 सितंबर) में 33 देशों से 150 स्पीकर्स, 2,500 डेलीगेट्स और 350 से अधिक प्रदर्शक शामिल हो रहे हैं। इसका लक्ष्य भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाना है।
भारत के लिए क्यों अहम है यह चिप?
सेमीकंडक्टर चिप्स आज हर क्षेत्र—जैसे स्वास्थ्य, परिवहन, संचार, रक्षा और अंतरिक्ष—में आवश्यक हैं। विक्रम चिप भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और रणनीतिक स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे विदेशी चिप्स पर निर्भरता घटेगी।